












(शासकीय हाई स्कूल कुंजारा में शाला प्रवेश उत्सव हर्षोल्लास से संपन्न
नवप्रवेशी छात्रों का तिलक लगा कर हुआ स्वागत, शिक्षा के महत्व पर अतिथियों ने डाला प्रकाश
कुंजारा, लैलूंगा, 16 जून 2025 – शासकीय हाई स्कूल कुंजारा में आज शाला प्रवेश उत्सव बड़े ही हर्षोल्लास एवं गरिमामय वातावरण में मनाया गया। शिक्षा सत्र 2025-26 के शुभारंभ पर आयोजित इस कार्यक्रम में नवप्रवेशी छात्रों का पारंपरिक तिलक एवं पुष्प वर्षा के साथ स्वागत किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत मां सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्वलन कर की गई, जिससे पूरे वातावरण में पवित्रता और उत्साह का संचार हुआ।
इस अवसर पर कार्यक्रम के मुख्य अतिथि जनपद उपाध्यक्ष अजेय युद्धा मनोज अग्रवाल (सुक्खन), और तहसीलदार शिवम् पांडे थे। उनके साथ बी.ई.ओ. एस.आर. सिदार, शिक्षाविद् जयदेव विश्वाल, ग्राम पंचायत की सरपंच सुषमा भगत, जन प्रतिनिधि राजेश बिश्वाल, माध्यमिक शाला शिक्षा समिति अध्यक्ष दिनेश यादव एवं प्राथमिक शाला शिक्षा समिति अध्यक्ष श्यामलाल प्रधान मंचासीन थे।
विशेष अतिथियों में राहुल अग्रवाल एवं बसंत प्रधान भी उपस्थित रहे।
कार्यक्रम की अध्यक्षता शासकीय हाई स्कूल कुंजारा के प्रधानाचार्य उमाशंकर टंडन ने की। विद्यालय के समस्त शिक्षकगण – व्याख्याता संतोषी भगत, ललिता एक्का, पुष्पलता बरला, लक्ष्मीन चौधरी, सरिता पैंकरा एवं भृत्य सविता बंजारा ने आयोजन में सक्रिय भूमिका निभाई।
माध्यमिक शाला कुंजारा के प्रधान पाठक जयमंगल पैंकरा, शिक्षिका पुष्पा सिदार, शिक्षक मधुसूदन पटेल एवं मोहित कुमार पैंकरा की उपस्थिति भी उल्लेखनीय रही।
वहीं, प्राथमिक शाला कुंजारा से प्रधान पाठक सावित्री बघेल एवं सहायक शिक्षिका अभिलाषा भारद्वाज भी इस गरिमामय अवसर पर उपस्थित रहीं।
कार्यक्रम में आए सभी अतिथियों ने नवप्रवेशी छात्रों को शुभकामनाएं दीं और शिक्षा के महत्व पर प्रेरणादायक विचार व्यक्त किए। जनपद उपाध्यक्ष मनोज अग्रवाल (सुक्खन) ने कहा कि शिक्षा ही वह आधार है जो बच्चों को एक जिम्मेदार नागरिक बनने की दिशा में अग्रसर करता है। उन्होंने विद्यार्थियों से मेहनत और अनुशासन के साथ आगे बढ़ने का आह्वान किया।
बी.ई.ओ. एस.आर. सिदार ने कहा कि शाला प्रवेश उत्सव का उद्देश्य बच्चों में शिक्षा के प्रति रुचि और आत्मविश्वास पैदा करना है। अतिथियों ने बच्चों को उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि समाज को शिक्षित करने में विद्यालय की अहम भूमिका होती है।
अंत में प्रधानाचार्य उमाशंकर टंडन ने सभी आगंतुकों, शिक्षकों एवं अभिभावकों के प्रति आभार व्यक्त किया।
यह उत्सव बच्चों के लिए न केवल उत्साहवर्धक रहा बल्कि एक प्रेरणास्पद शुरुआत भी बनी, जिससे वे आत्मविश्वास से भरे नए शैक्षणिक सत्र की ओर अग्रसर हो सकें।