

नवापारा– छाल रेंज में बीती रात 8 एवं 9 बजे के बीच एक पिकप में लकड़ी क़ी अवैध तस्करी क़र रहे थे जिसे वन विभाग के सूझ बुझ से घेरा बंदी करके पकड़ा गया लेकिन हर बार जैसे होता है चालक गाड़ी छोड़कर भाग गया घटना शनिवार रात करीब 8.30 बजे वन विभाग को मुखबिर से सुचना मिली तो छाल रेंज में पोड़ी छाल बंगरसुता अलग-अलग मार्ग में घेरा बंदी किया गया जिससे कूड़ेकेला से पुल पार होते हुए बंगरसुता में 6 नग साल कि गोला लकड़ी जिसकी लागत लगभग 42हजार बताई जा रही को डिप्टी रेंजर चन्द्र विजय की अग़वाई में पकड़ने में कामयाबी मिला
छाल रेंज में तस्कर सक्रिय है यहाँ लगातार जंगल से लकड़ी की चोरी तस्कर द्वारा हो रही है जिसमे गाड़ी तो पकड़ाते है लेकिन चालक अक्सर भाग जाते है अनुमान लगाया जा रहा है कि रात 8.30 पर लकड़ी पार क़र रहे थे तो इसे शाम होते ही लकड़ी काटकर गाड़ी में लोड क़र लिए रहे होंगे और पकड़े जाने के स्थान से 10 किमी कि अंदर से ही गाड़ी लोड किया होगा लेकिन विभाग द्वारा अभी तक कहाँ लकड़ी कि ठुठ है पता नहीं लगा पाए है
लगातार लकड़ी की कटाई से वनप्राणी बस्ती की तरफ मूमेंट क़र रहे है छाल रेंज में पिछले एक माह से हाथियों का दल पूसल्दा,बोजिया,बरभौना, कटाईपाली सी, खेदापाली, एडू आसपास विचरण क़र रहे थे जिसमे लोगो में दहसत का माहौल बना हुआ था यहाँ तक की भीड़ भाड़ वाला इलाका कार्तिक मेला भी हाथी के कारण लोग आ जा नहीं सके
सूत्र से मिली जानकरी के अनुसार बीती रात गलीमार जंगल से लकडी काटकर ले जा रहे थे कुछ दूर और निकल पाते की खरसिया रेंज, शक्ति जिला या कोरबा जिला तरफ निकल जाते यहाँ से शक्ति या कोरबा जिला नजदीक है जहाँ लकड़ी को खपाते है
चन्द्र विजय सिदार (डिप्टी रेंजर) -रात में करीब 8 और 9 बजे के बीच मुखबिर की सुचना पर अलग अलग जगह घेरा बंदी करके एक पिकप में लोड लकड़ी पकड़ा गया जिसकी बाजार क़ीमत 42 हजार है अभी कहाँ से कटी है जाँच क़र रहे है झुड के देख चालक भाग निकला गाड़ी में मिले आर सी बुक के आधार पर दुर्ग जिले की रजिस्टशन नंबर है आगे की कार्यवाही किया जा रहा है
अभिषेक जोगावत (डीएफओ धरमजयगढ़ वन मंडल) — जंगल की अवैध कटाई पर काफ़ी हद तक रोक लगा लिए है हमारी टीम रात्रि गस्त करते है इस गाड़ी की सुचना हमें पहले से मिल चूका था पर गाड़ी लोड करके जाने पर घेरा बंदी करके पकड़ा गया रही बात हाथी कि तो धरमजयगढ़ वन मंडल में हाथियों की खाने के लिए पर्याप्त भोजन मिल जाता है इससे लगे जंगल खरसिया में ऐसा जंगल नहीं है या कोरबा पूरा माइनिंग क्षेत्र है उधर मूमेंट नहीं करते।ओडिशा से धरमजयगढ़ में हाथी प्रवेश करते है यहां रुक जाते है