
बेकाबू बस की रफ्तार ने ले ली दो लोगों की जान… लैलूंगा शहर में शोक का लहर…
लैलूंगा / इन दिनों तेज रफ्तार सड़कों पर मौत बनकर दौड़ती बेकाबू बस ने लैलूंगा क्षेत्र के दो अलग – अलग स्थान पर दो लोगों को बस ने रौंद कर मौतके घाट उतार दिया है । आपको बता दें कि दिनांक 30 अप्रैल 2022 दिन शनिवार को लैलूंगा नगर वासियों के लिए कुछ ज्यादा ही खौफनाक मंजर देखने को मिला है । या यूँ कहें कि शनि की साढ़े साती के कालचक्र की चपेट में लैलूंगा के दो परिवारों पर सड़क दुर्घटना के शिकार हो गये । जो की बीती रात लगभग 9:00 बजे के आसपास जशपुर से रायपुर जा रही शिवनाथ बस का इंतजार लैलूंगा बस स्टैंड में कई यात्रीगण कर रहे थे वहीं विलम्ब होने के कारण पता चला कि बस के ड्राइवर ने लेलूंगा में पिछले 10 -12 वर्षों से भीख मांग खाकर जीवन यापन करने वाले बुजुर्ग सलीम खान को कलाम हुसैन के घर के सामने शिवनाथ बस के चालक के द्वारा लापरवाही पूर्वक बस को चलाते हुए रोड़ किनारे सो रहे सलीम खान को बस ने अपने चपेट में ले लिया जिससे की दुर्घटना स्थल पर ही सलीम खान की दर्दनाक मौत हो गई । वहीं दूसरी घटना उसी रात्री के लगभग 2:00 बजे के आसपास लैलूंगा के प्रतिष्ठित व्यापारी शिव गोयल के सुपुत्र अंकेश गोयल जो किसी कुछ जरूरी काम से अपने कार से कहीं जा रहे थे । तभी सामने से आ रहे महिन्द्रा बस ने लैलूंगा के गोसाईडीह गाँव पास उपरोक्त कार को ठोकर मार दी । जिसका टक्कर इतनी भयानक थी की कार के पूरे परखच्चे उड़ गए । वही़ स्थानीय लोगों के द्वारा डायल 112 को फोन कर किसी तरह से अंकेश गोयल को अस्पताल पहुंचाया गया जहाँ पर आधे घंण्टे के भीतर अंकेश गोयल की मौत हो गई । इन सब घटनाओं के कारण पूरे नगर में शोक की लहर व्याप्त है । सलीम खान जिसके रहने का कोई ठिकाना नहीं था, जो अपाहिज होने के पहले कभी बहुत ही अच्छा ड्राइवर था । लेकिन अपाहिज होने के बाद उसकी जिंदगी केवल मांगने खाने पर ही सीमित रह गई थी । फिर भी सभी की मदद किया करता था, वहीं शिव गोयल के सुपुत्र अंकेश गोयल जो कि बहुत ही मिलनसार व्यक्तित्व का धनी था । उसकी इस दुखद सड़क दुर्घटना में मौत हो जाने से पूरे नगर में बस एक ही सवाल सबके जेहन में है। हर जगह बस यही चर्चा है कि आज अगर इन बेलगाम पहियों पर नकेल नहीं कसा गया तो आने वाले समय में इस तरह की दुखद घटनाएंँ होती रहेंगी । खासकर रात को चलने वाली बसें जिनके ड्राइवर शायद आधी रात को नींद में रहते हैं या फिर बस नींद में होती है । अब यह देखना होगा की तेज रफ्तार चलने वाली बसों की गति में कुछ कमी आयेगी या फिर रफ्तार का कहर जारी रहेगा ।
