

शराब के खिलाफ ऐड़ूकला के ग्रामीण पहुंचे थाना, पुलिस से सहयोग की गुहार!
रिपोर्ट ~ हीरालाल राठिया लैलूंगा
छाल, धरमजयगढ। धरमजयगढ़ विकासखंड अंतर्गत छाल क्षेत्र के ग्राम पंचायत ऐडूकला के ग्रामीणों ने आज एक बार फिर शराबबंदी को लेकर अपनी पीड़ा और चिंता के स्वर छाल थाना में प्रस्तुत किए। यह कोई पहली बार नहीं है, जब ग्रामीणों ने शराब के दुष्प्रभावों से त्रस्त होकर पुलिस प्रशासन से सहयोग की गुहार लगाई हो। वहीं गांव के बुजुर्गों और युवाओं ने बताया कि पूर्व में भी उन्होंने थाना प्रभारी को ज्ञापन सौंपकर गांव में अवैध रूप से बिक रही शराब पर रोक लगाने की अपील की थी, लेकिन समय बीत जाने के बावजूद कोई प्रभावी कार्यवाही नहीं हुई। परिणामस्वरूप गांव की सामाजिक स्थिति दिन-ब-दिन गिरती चली गई। आगे ग्रामीणों ने भावनाओं से भरे शब्दों से बताया कि, “हमारा गांव नशे की गर्त में समा चुका है। छोटे-छोटे बच्चे भी अब इस जहर के आदी हो चुके हैं। घरों की शांति लुप्त हो चुकी है, रिश्तों में दूरियाँ आ गई हैं। हमने पंचायत में बैठकें कीं, लोगों को समझाया, पर जब कोई असर नहीं हुआ तो आख़िरी उम्मीद के तौर पर पुलिस का दरवाजा खटखटाया। और वहीं गांव की महिलाओं ने विशेष रूप से चिंता जताई कि शराब ने उनके घरों की नींव हिला दी है। बच्चों की पढ़ाई, परिवार की खुशियाँ, और जीवन की सरलता — सब कुछ शराब के कारण संकट में है। और आज पुनः थाना पहुंचे ग्रामीणों को थाना प्रभारी द्वारा आश्वासन दिया गया कि पुलिस हर संभव सहयोग के लिए तत्पर है।
लेकिन वहीं दूसरी तरफ ग्रामीणों ने चेतावनी भरे स्वर में कहा कि यदि इस बार भी उनकी बातों को अनसुना किया गया, तो वे जिला मुख्यालय जाकर पुलिस अधीक्षक दिव्यांग पटेल से मिलकर स्थिति से अवगत कराएंगे। बता दें,ऐडूकला गांव की ग्रामीणों की यह पुकार अब केवल एक गांव की मांग नहीं, बल्कि समाज की उस सच्चाई का आईना है, जिसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। लेकिन क्या अब प्रशासन उनकी आवाज़ सुनेगा? क्या ऐडूकला का भविष्य सुरक्षित हो पाएगा? यह समय ही बताएगा।