spot_img
Wednesday, June 25, 2025
Wednesday, June 25, 2025

लैलूँगा : स्वास्थ्य विभाग की ‘नींद टनटनाती’ अलार्म बनी सोनाजोरी उपस्वास्थ्य केन्द्र खुला, सुविधा अब भी गहरी नींद में!”

“स्वास्थ्य विभाग की ‘नींद टनटनाती’ अलार्म बनी सोनाजोरी उपस्वास्थ्य केन्द्र खुला, सुविधा अब भी गहरी नींद में!”


सोनाजोरी/लैलूंगा, सालों से बंद पड़ी सोनाजोरी की उपस्वास्थ्य केन्द्र की चुप्पी आखिरकार तब टूटी जब पत्रकारों की कलम चली और अख़बारों की स्याही ने विभागीय निद्रा को जगा दिया। वर्षों से वीरान पड़ा उपस्वास्थ्य केन्द्र अब खुल गया है और मेडम रोज आकर कुर्सी गर्म कर रही हैं। लेकिन स्वास्थ्य सुविधाएं…? वो तो अभी लंबी छुट्टी पर हैं!

दरअसल, जिस उपस्वास्थ्य केन्द्र को खोलने की बात स्वास्थ्य विभाग ने ताल ठोंककर कही है, उसकी हालत देखकर यही लगता है कि इमारत को खोलने से पहले कम से कम एक बार उसमें झाँक लिया जाता तो शायद शर्म बच जाती। न बाथरूम, न बिजली, न पंखा, न स्ट्रेचर, न ही मरीजों के लिए कोई बेड। मतलब, दिखावे का पूरा इंतजाम है लेकिन इलाज का कोई नामोनिशान नहीं।

“कागज़ों पर चालू, ज़मीनी हकीकत बेहाल”

स्वास्थ्य केन्द्र में मेडम रोज आ रही हैं, बैठ रही हैं, लेकिन करने को कुछ नहीं है। ग्रामीणों का कहना है कि डॉक्टर की जगह खाली है, दवाइयों का नामोनिशान नहीं, और गंभीर मरीजों को आज भी 20 किलोमीटर दूर लैलूंगा भेजना मजबूरी है।

ग्रामवासी  कहते हैं, “अब तो मेडम रोज आती है, मगर क्या करें? अगर हमें कुछ हो जाए तो वहीं मर जाएं या फिर झोला उठाकर लैलूंगा भागें?”

बुज़ुर्ग महिला  में कहती हैं, “उपस्वास्थ्य केन्द्र अब ‘बैठक केन्द्र’ बन गया है। मेडम आती हैं, कुर्सी में बैठती हैं, मोबाइल चलाती हैं और चली जाती हैं। मरीज तो जैसे खुद ही अपने नसीब के डॉक्टर हैं।”

“लैलूंगा में एम्बुलेंस है, पर स्वप्न में; दवाई है, पर कल्पना में”

सबसे बड़ी समस्या यह है कि कोई इमरजेंसी हो जाए तो गाँव वालों के पास कोई साधन नहीं। एम्बुलेंस बुलाओ तो या तो वो पहुंचती नहीं, या समय पर नहीं पहुंचती। गर्मी में मरीजों को बिना पंखे के रखा जाता है और बारिश के मौसम में छत से पानी टपकता है।

एक स्थानीय महिला बताती हैं, “हमने कई बार शिकायत की कि कम से कम एक पंखा तो लगा दो, लेकिन अधिकारी लोग कहते हैं – फाइल में लिख लिया है। अब वो फाइल कहाँ घूम रही है, भगवान जाने।”

“खुली आंखों से सपना देख रहा स्वास्थ्य विभाग”

प्रेस द्वारा जब इस स्थिति की पड़ताल की गई तो साफ़ हुआ कि यह मात्र ‘आंखों में धूल झोंकने’ जैसा अभियान है। उपस्वास्थ्य केन्द्र खोलकर विभाग ने अपनी पीठ खुद थपथपा ली है, मगर असल व्यवस्था का ढांचा वहीं का वहीं है – खंडहर के रूप में।

कुछ अधिकारियों से बात करने पर उन्होंने कहा कि “जल्द ही सुधार किया जाएगा, टेंडर प्रक्रिया जारी है।” टेंडर, जो कभी पूरी नहीं होती, और प्रक्रिया, जो कभी शुरू नहीं होती।

“न इलाज, न उम्मीद – सिर्फ़ दीवारें और एक कुर्सी”एक टेबल

सोनाजोरी की इस स्थिति से साफ़ है कि स्वास्थ्य विभाग का उद्देश्य ‘सेवा’ से ज़्यादा ‘सांख्यिकी’ पर केंद्रित है – कि कितने केन्द्र खुले, यह दिखाना जरूरी है; उसमें क्या है, यह देखना नहीं।

व्यंग्य में एक ग्रामीण युवक कहता है, “अब नया स्लोगन बना देना चाहिए – जहाँ मेडम बैठे, वहीं स्वास्थ्य केन्द्र कहलाए।”

“प्रेस की खबर से हिली कुर्सियाँ, लेकिन व्यवस्था अब भी ठंडी”

ये स्थिति तब सामने आई जब प्रेस ने इस मसले को उजागर किया। खबर छपने के बाद विभागीय अधिकारी हरकत में आए और उपस्वास्थ्य केन्द्र खोलने की तुरत-फुरत में व्यवस्था को ताक पर रख दिया। मानो यह सिर्फ ‘प्रेस-प्रतिक्रिया समाधान योजना’ हो।

स्थानीय जनप्रतिनिधियों से जब सवाल किया गया तो कुछ बोले, “हमने प्रस्ताव भेजा है, जल्द सुधार होगा।” मगर ग्रामीणों को इस ‘जल्द’ का सालों से इंतज़ार है।


सोनाजोरी का उपस्वास्थ्य केन्द्र आज ग्रामीणों के लिए एक प्रतीक है – प्रतीक है उस लापरवाह तंत्र का, जो समस्याओं को तब तक नहीं देखता जब तक कोई पत्रकार टार्च लेकर उन्हें दिखा न दे। मेडम की मौजूदगी अगर केवल ‘हाजिरी’ बनकर रह जाए और इलाज केवल ‘योजना’ में, तो ऐसे केन्द्र खोलने से बेहतर है एक छायाचित्र ही टांग दिया जाए – “यहाँ स्वास्थ्य विभाग कभी रहता था।”

आख़िर में प्रश्न यही है:
क्या स्वास्थ्य सुविधाओं के नाम पर खोले गए ये दरवाज़े कभी सही मायनों में इलाज की राह खोल पाएंगे, या फिर यहीं से सरकारी नीतियों की दुर्गंध निकलती रहेगी?

spot_img

अपना न्यूज़ पोर्टल बनवाने के लिए आज ही संपर्क करें ....

spot_img
spot_img

Recent Posts

पटवारी बनीं ‘कैशियर’—लैलूंगा की हल्का 23 में जनता भटके, मेडम छुपे, और सरकारी सेवा बिके!

पटवारी बनीं 'कैशियर'—लैलूंगा की हल्का 23 में जनता भटके, मेडम छुपे, और सरकारी सेवा बिके!पूर्व में भी पटवारी रामनाथ का पैसा लेते वीडियो वायरल...
Latest
पटवारी बनीं 'कैशियर'—लैलूंगा की हल्का 23 में जनता भटके, मेडम छुपे, और सरकारी सेव... "> लैलूँगा : स्वास्थ्य विभाग की 'नींद टनटनाती' अलार्म बनी सोनाजोरी उपस्वास्थ्य केन्... लैलूँगा ~ सिन्हा मोटर्स में लगी रहस्यमयी आग : 14 कारें जलकर खाक, करोड़ों की क्षत... लैलूँगा कुंजारा : अवैध कब्जे का गढ़ और 'ब्रांड अम्बेसडर' बने श्रीमान्‌ आशीष सिदा... फिल्मी हीरो समझ बैठे खुद को, उड़ाई बाइक पुल से – किस्मत चमकी नहीं, कीचड़ में चमक... समलेश्वरी मंदिर से गूंजेगा 'हरि बोल', लैलूंगा में 27 जून को निकलेगी भव्य रथयात्र... अवैध भंडारण और ख़रीद फरोख्त को रोकने की माँग अन्यथा आंदोलन की चेतावनी

उस...
बड़ी खबर : यूथ कांग्रेस नेता अपरांश सिन्हा ने अपनी टीम सानू खान, सम्राट महंत, आकृ... सरकारी ज़मीन पर बेधड़क कब्ज़ा: कुंजारा में भू-माफिया ने खड़ी कर दी प्राइवेट कॉले... जिले के 101 अमृत सरोवर स्थलों में हुआ योगाभ्यास

पर्यावरण संरक्षण के प्रति...