
सेमरसोत अभ्यारण्य के कोदौरा रेंज में बड़ी कार्रवाई — 30,000 की इमारती सामग्री जप्त,
लकड़ी तस्करों में मचा हड़कंप
नरेंद्र मिश्रा
बलरामपुर,
सेमरसोत अभ्यारण्य प्रबंधन ने कोदौरा रेंज में एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम देते हुए भारी मात्रा में अवैध इमारती लकड़ी और फर्नीचर निर्माण के औज़ारों को जप्त किया है। मुखबिर की सूचना पर की गई इस सटीक कार्रवाई ने क्षेत्र में सक्रिय लकड़ी तस्करों के मंसूबों पर पानी फेर दिया है।
सूत्रों के अनुसार, घाघरा बीट के ग्राम झलारिया स्थित पटेल पारा में अवैध रूप से लकड़ी संग्रहित किए जाने की सूचना मिलते ही उप निदेशक, एलिफेंट रिज़र्व सरगुजा के निर्देश पर अधीक्षक सेमरसोत अभ्यारण्य बी.एस. भगत के मार्गदर्शन में कोदौरा रेंजर विनय टंडन के नेतृत्व में वन अमले ने छापेमारी अभियान चलाया।
कार्रवाई के दौरान भागी पिता कृष्णा और अर्जुन यादव पिता मानिकचंद यादव के घरों की तलाशी ली गई, जहाँ से भारी मात्रा में वन उपज बरामद हुई। जप्त सामग्री में—बीजा लट्ठा : 3 नग,साल चिरान : 24 नग
बीजा चिरान : 39 नग के साथ ही फर्नीचर निर्माण में उपयोग आने वाले कई औजार शामिल हैं। वन विभाग ने इस जप्त वन उपज की अनुमानित कीमत 30,000 रुपये आँकी है।
अधिकारियों ने बताया कि अवैध वनोपज को जप्त करने के बाद संपूर्ण कार्रवाई भारतीय वन अधिनियम 1927 और वन्यप्राणी संरक्षण अधिनियम 1972 के तहत नियमानुसार की गई। विभाग ने संबंधित आरोपियों के खिलाफ पीओआर प्रकरण दर्ज कर दिया है तथा समस्त जप्त सामग्री को सुरक्षित रूप से डिपो भेज दिया गया है।
वन विभाग की इस निर्णायक कार्रवाई ने क्षेत्र में चल रहे अवैध कटाई और तस्करी नेटवर्क पर जोरदार चोट पहुँचाई है। क्षेत्र में इस अभियान की चर्चा व्यापक रूप से हो रही है और स्थानीय लोगों के अनुसार, इस कदम से लकड़ी तस्करों में भय और सतर्कता का माहौल बन गया है।
अभ्यारण्य प्रबंधन ने स्पष्ट किया है कि भविष्य में भी इसी तरह की कार्रवाइयाँ लगातार जारी रहेंगी ताकि वन संपदा की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके और तस्करों के खिलाफ कड़ा संदेश भेजा जा सके।

कार्रवाई में सक्रिय योगदान देने वालों में शामिल रहे —
गेंम रेंजर बलरामपुर शिवप्रसाद, दिनेश चौहान, रजनीश शुक्ला, समलु राम, निर्मल बड़ा, रविशंकर, सुसन्ना मिंज, प्रेमदानी टोप्पो, साथ ही वन अमला एवं पुलिस बल के अन्य सदस्य उपस्थित रहे।
वन विभाग की यह संयुक्त और सशक्त कार्रवाई जंगलों की सुरक्षा के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को स्पष्ट रूप से दर्शाती है।








