हमारी संस्कृति हमारे हाथ में है – (मणीशंकर दिवाकर अधिवक्ता )

बेमेतरा से विनय सिंह की खास खबरें

प्रत्येक देश, प्रांत,राज्य में अपनी-अपनी कला संस्कृति पहचान होती है ,अपने भारत देश में 28 राज्य व 8 केंद्र शासित प्रदेश है , जहाँ अपने- अपने राज्य प्रांत के लिए कला संस्कृति रहन सहन खान – पान भाषा बोली विशेष पहचान और महत्व रखती है, जी हां साथियों अपनी संस्कृति अपने हाथों में हम यदि समय के हिसाब से परिवर्तन लाते जा रहे हैं और धीरे धीरे शिक्षा – दीक्षा के अनुरूप बदलाव हो रहे हैं मगर अपनी संस्कृति परंपरा को हमे कभी नहीं भूलना चाहिए क्योंकि हमारे कुल देवी देवताओं विशेष अर्थ महत्व छुपा हुआ है और बुजुर्गों का कहना है कि हमारी विशेष मान्यताएं जुड़ा हुआ है, आजकल समय परिवर्तन के दौर के चलते देश -राज्य, गाँव- शहर, में एक दूसरे प्रांत के संपर्क में आने से अपने खान- पान रहन -सहन भाषा बोली में परिवर्तन ला रहे हैं जो, जिस प्रकार प्रकृति अपना छठा रूप परिवर्तित करती है ठीक उसी प्रकार मनुष्य अपनी प्रबल सोच बुद्धि के अनुरूप धीरे – धीरे अपने दैनिक जीवन जी रहे हैं और उस पर देश राज्य समाज परिवार अमल कर रहे हैं मेरा कहना यही है साथियों अपने देश राज्य का विशेष पहचान अपनी वेश भूषा कला संस्कृति नृत्य बोली भाषा को बचाये रखना है जो हम सभी के लिये व भविष्य के युवा पीढ़ी को इस हमारी संस्कृति की जानकारी ज्ञान दे सके और प्रमाण देकर पहचान करा सके और जानकारी दे सके !








