
फर्जी रकबा वृद्धि कर लैलूंगा मंडी में करोड़ो का धान खरीदी घोटाला की जांच रिपोर्ट पेश
जांच प्रतिवेदन में तहसील कर्मी,मंडी प्रबंधक व कर्मी, कृषि विभाग,कृषक,बैंक, बिचौलिये सभी दोषी
एफआईआर दर्ज करने कारण बताओ नोटिस

लैलूंगा- न्यायालय कलेक्टर रायगढ़ द्वारा कारण बताओ नोटिस क्रमांक 5925/ रीडर /2022 दिनांक 04 /07/2022 को प्रहलाद बेहरा-समिति प्रबंधक आदिम जाति सेवा सह समिति लैलूंगा, संदीप कुमार सिदार-फड़ प्रभारी उप समिति बीरसिंघा, अंकित कुमार नाग- डाटा एण्ट्री ऑपरेटर उपकेन्द्र बिरसिंघा, विष्णु प्रधान-डाट एण्ट्री ऑपरेटर, धान खरीदी केन्द्र लैलूंगा, सतीश बेहरा-बारदाना प्रभारी,नरोत्तम भोय- लिपिक, लोभन साथ सारथी-प्रभारी SADO कृषि विभाग लैलूंगा, स्वप्निल रोज बड़ा-SRAEO कृषि विभाग लैलूंगा, नूतन कुमार गुप्ता-कम्प्यूटर ऑपरेटर कृषि विभाग, सेतराम साहू- कम्प्यूटर ऑपरेटर कृषि विभाग, उत्तम कुमार निषाद-सहायक ग्रेड-03 (भुइंया शाखा कर्मचारी) तहसील लैलूंगा, कृषक शंकर तिग्गा आ० बाबूलाल तिग्गा तहसील लैलूंगा, को तहसीलदार, लैलूंगा के माध्यम से कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। नोटिस में क्यो न आपके विरूद्ध एफ.आई.आर. दर्ज किया जाये कहा गया है।
खाद्य अधिकारी रायगढ़ द्वारा इस आशय का जांच प्रतिवेदन पेश किया गया है कि आदिम जाति सेवा सहकारी समिति मर्यादित लैलूंगा पंजीयन क्रमांक 160 के धान उपार्जन केन्द्र लैलूंगा एवं उपकेन्द्र बीरसिंघा में खरीफ विपणन वर्ष 2021-22 धान खरीदी के दौरान किसान पंजीयन में अत्यधिक रकबा / खसरा में वृद्धि कर, पंजीयन के दौरान कृषकों के खाता नंबर एवं आधार नंबर इत्यादि में संशोधन कर अवैध धान बिक्री के संबंध में स्थानीय एवं दैनिक अखबारों में प्रकाशित समाचार पत्रों के आधार पर दिनांक 30.04.2022 एवं 02.05.2022 को मौके पर जाकर गठित जांच दल द्वारा जांच किया गया। जांच दल में जांच अधिकारी, अनुविभागीय अधिकारी (रा.) लैलुंगा, खाद्य निरीक्षक लैलुंगा, खाद्य निरीक्षक पुसौर सहकारिता विस्तार अधिकारी लैलुंगा, मुख्य पर्यवेक्षक अपेक्स बैंक नोडल कार्यालय, एस. एल. अनंत सहकारिता विस्तार अधिकारी के द्वारा समिति के कर्मचारी, धान बेचने वाले किसानों के समक्ष संयुक्त रूप से जांच किया गया। जांच में निम्नानुसार तथ्य प्राप्त हुये :
(1) खरीफ विपणन 2021-22 में पंजीकृत किसान सदस्यों के रकबे में 05 हेक्टेयर से अधिक अप्रत्याशित रूप से वृद्धि वाले कृषक सदस्य एवं नवीन पंजीकृत को आधार मानकर जांच कार्य प्रारंभ किया गया। वर्ष 2021-22 में धान उपार्जन केन्द्र में कुल 1572 कृषकों द्वारा 2409.424 हेक्टेयर भूमि का पंजीयन कराया गया जिसमें 1641.041 हेक्टे. धान का रकवा शामिल है।
( 2 )छत्तीसगढ़ शासन के निर्देशानुसार राजीव गाँधी एकीकृत किसान पोर्टल पर कृषि विभाग के संबंधित ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी के सत्यापन पश्चात् समिति द्वारा नवीन पंजीयन का कार्य किया गया तथा धान खरीदी के दौरान कृषकों के रकवें में संशोधन, संयुक्त खातेदारों का पंजीयन, वारिसान सदस्यों का पंजीयन का कार्य करने हेतु तहसीलदार को आई.डी. पासवर्ड प्रदाय कर पंजीयन का प्राधिकार दिया गया है।
(3) समिति में नवीन पंजीकृत सदस्यों के रकबों में अप्रत्याशित वृद्धि, अधिक मात्रा में धान बिक्री करने वाले किसानों को आधार मानकर लगभग 36 किसानों को चिन्हांकित किया गया जिसमें से अत्यधिक रकबे वाले पंजीकृत कृषकों का बयान लिया गया।
(1) कृषक चंदन सिंह सिदार का बयान लिया गया जिसमें चंदन सिंह सिदार ने पंजीयन के दौरान दर्ज बैंक खाता स्वयं का होना बताया गया तथा पुष्टि के लिए अपना आधार कार्ड प्रस्तुत किया गया जिसमें फोटो चंदन सिंह सिदार की लगी हुई है परंतु नाम मंकुवर लिखा हुआ अंकित है जो कि चंदन सिंह सिदार के पंजीयन में खातेदार के नाम की जगह में दर्ज है जिनके द्वारा राशि का आहरण किया गया है।
(2) पंजीकृत कृषक सुधनी बाई पति / पिता होलसाय को बयान हेतु बुलाये जाने पर कथित पुत्र यहां आकर बैठा था परंतु धान विक्रय एवं बैंक खाते में आहरित राशि के विषय में पुछने पर वहां जांच स्थल से भाग गया। श्रीमती सुधनी बाई पति होलसाय के खाते में धान विक्रय के पश्चात भुगतान राशि श्री शंकर तिग्गा पिता बाबुलाल के PNB बैंक लैलूंगा के खाते में भुगतान होना पाया गया जो कि किये गये अनियमितता को स्वमेव सिद्ध करता है।
(3) पंजीकृत किसान झगरू राम / समस्त के द्वारा भी धान विक्रय किया जाना पाया गया परन्तु धान विक्रय की राशि का भुगतान येशु लकड़ा नाम के PNB खाताधारक के खाते में की गई है। अतः एंट्री करने में शामिल व्यक्तियों द्वारा जानबुझकर इस तरह की गड़बड़ी किया जाना सही पाया गया।
(4) पंजीकृत कृषक लछन साथ सिदार पिता स्व. घमर साय सिदार ग्राम पंचायत पोतरा का बयान लिया गया बयान में श्री लछन साथ सिदार द्वारा उनके नाम पर दो ऋण पुस्तिका क्र. 21382 व 21118 में क्रमश: 3.869 हेक्टे. व 1.602 हेक्टे. कुल 3.471 हेक्टे. भुमि ( 13.6775 एकड़) रिकार्ड में होना बताया गया जिसकी पुष्टि उनके द्वारा लाये गये ऋण पुस्तिका से होती है। श्री लछन साथ सिदार ने अपने बयान में बताया कि उनके किसान पंजीयन में कई अन्य पंजीयन रहित कृषकों के खसरा एवं रकबे की एंट्री के विषय में उन्हें जानकारी नहीं होना बताया। श्री लछन साय सिदार किसान कोड TF4100660101292 में सुखसाय पाखन साय, अमर साय पिता तिलकुंबर का खसरा नं. 12/4,2/23,3,4/1,5/1, 89 / 1 प्यारी बाई पिता श्रीधर खसरा नं. 132/2,132 / 3,134/3 विरु दुरु व जगसाय खसरा नं. 2/16, सुखसाय वल्द सुखा उसत राम, भुफ्ती 2/19 अकबर पिता अगम साय खसरा 2/24, 83 राम साय यद खुरून खसरा नं. 37/3,75/2,76/2 उदय राम खसरा नं. 52 / ख, 53 / 1ग, 53 / 1 ज, 54/2 की एंट्री की गई है, जिसको लछन साथ सिदार द्वारा परिचित नहीं होना बताया गया उक्त पंजीयन में श्री लछन साय सिदार द्वारा 792 क्विं. धान का विक्रय किया गया है तथा विक्रय किये गये धान की राशि अपने स्वयं के खाते में पाया गया है श्री लछन साथ सिदार के खातों के ब्यौरा का विवरण निकालने पर कुछ राशि का आहरण किया गया है जबकि 450030 रू. एवं 390018 रू. राशि का अंतरण NEFT द्वारा अमेरिकन सिदार के खातों में किया जाना पाया गया है।
(5) कृषक लछन साथ सिदार द्वारा अपने बयान में बताया गया कि मेरे द्वारा 2 Blank Cheque पर हस्ताक्षर कर समिति प्रबंधक श्री प्रहलाद बेहरा को दिया गया है जिसे समिति प्रबंधक द्वारा मेरे खातों से राशि का आहरण किया गया है। लछन साय के पंजीयन में दर्ज बढ़े हुए रकबे में श्री शंकर तिग्गा एवं लैलूंगा के अन्य व्यापारियों द्वारा धान का विक्रय किया जाना सही पाया गया। इसमें इनके अनुसार कोई भी सहमति या अन्य आवेदन नहीं किया गया है तथा बढ़े हुए रकबे धान व राशि का भुगतान भी इनके द्वारा नहीं लिया जाना बताया गया है। लछन साय द्वारा कृषि कार्य व ऋण का भुगतान करने में 2-3 लाख रू. खर्च बताया गया। इसके अलावा अन्य राशि के विषय में कोई जानकारी नहीं दिया गया।
(6) श्री शंकर लाल तिग्गा पिता बाबुलाल तिग्गा किसान कोड क्रमांक TF4100660101315 का बयान लिया गया जिसमें इन्होंने कुल 242.80 क्विंटल धान का विक्रय किया है। इनके पंजीयन में 6.569 हेक्टे. धान के रकबे की एंट्री किया जाना पाया गया है। पंजीयन में एंट्री किये गये अन्य पंजीयन रहित कृषक जगरमती, चितरू, बहारती, सहारतीन पिता गुरुवारू, तुलासिगिर इत्यादि के नाम से अंकित खसरों की एंट्री के विषय में शंकर लाल तिग्गा के द्वारा जानकारी नहीं होना बताया, केवल रामवती को अपने बहन के रूप में होना बताया। शंकर तिग्गा के द्वारा अपने खाता क्रमांक 103002311049 (अपेक्स बैंक पत्थलगांव) से धान विक्रय की राशि का भुगतान पाया गया जिसमें से 233030.33 रु. राशि का ट्रांसफर सूर्या राईसमिल को किया जाना पाया गया तथा बाकी राशि का आहरण स्वयं के द्वारा किया जाना बताया गया है। श्री शंकर लाल तिग्गा के द्वारा सुधनी होलसाय किसान कोड क्रमांक TF4100660101196 मे स्वयं का खाता नं. 287700170076431 (PNB लेलुंगा) की एंट्री समिति प्रबंधक लैलूंगा एवं ऑपरेटर द्वारा मांगे जाने पर किया जाना बताया। श्री शंकर तिग्गा द्वारा अपने बयान में सुधनी / होलसाय से कोई परिचय नहीं होना बताया गया । PNB खाता क्र. 287700170076431 में प्राप्त राशि का ट्रांजेक्शन (आहरण) की जानकारी के विषय में शंकर लाल तिग्गा द्वारा स्पष्ट नहीं बताया गया। शंकर तिग्गा द्वारा श्री लछन साय सिदार को कुछ राशि कार्य के एवज में वापस किया जाना बताया गया किन्तु राशि की जानकारी नहीं दिया गया। श्री शंकर लाल तिग्गा वर्तमान में निजी वाहनों का ड्राईवर का कार्य कर जीवन निर्वाह किया जाना बताया गया श्री शंकर तिग्गा के B-1 में भूमि का रकबा 3.985 हेक्टे. जमीन दर्ज है जबकि पंजीयन के दौरान धान कुल रकया 8.310 हेक्टे. एंट्री किया जाना पाया गया। इसी प्रकार श्री शंकर लाल तिग्गा द्वारा सुधनी / होलसाय एवं लखन साय सिदार के धान पंजीयन एवं धान विक्रय में संलिप्तता स्पष्ट परिलक्षित होता है। साथ ही सुपनी / होलसाय के धान विक्रय के पश्चात प्राप्त राशि की हेराफेरी स्पष्ट में शामिल होना पाया गया है।
(7) कृषक मनमोहन सिदार पिता जयराम सिदार ग्राम पोतरा द्वारा यह कथन किया गया है कि लैलुंगा में वर्ष 2021-22 में उनके द्वारा धान खरीदी हेतु पंजीयन कराया गया था उनका ऋण पुस्तिका क्रमांक P-2542103 है जिसमें दर्ज रकवा 9.567 हेक्टे. है। उनके द्वारा कुल 3 बार में कुल 514 क्विं. धान विक्रय किया गया जिसमें केवल 100 क्विं. धान ही मनमोहन सिदार का है बाकि विक्रय किये गये धान की जानकारी इन्हें नहीं है। धान की विक्री की राशि इनके अपेक्स बैंक खाता क्रमांक 103000836147 में दिनांक 03.02.2022 को 2,60,912.50 रु. एवं दिनांक 07.02.2022 को 4,65,600.00 रु. जमा हुआ है, जिसमें 1,06,000.00 स. दिनांक 14.02.2022 को प्रबंधक प्रहलाद बेहरा को ट्रांसफर किया गया है। पान पंजीयन में रकबा वृद्धि के विषय में कोई जानकारी नहीं होना बताया गया।

(4) पंजीकृत किसानों के बढ़े हुए रकवे में दर्ज की खसरा धारक के नामों को चिन्हांकित कर उक्त व्यक्तियों का बयान लिया गया। श्रीधर सिदार पिता स्व. आदित्य राम, ग्राम पंचायत पोतरा खसरा नं. 3 / 134, 3 / 132, 2 / 132 रामलाल सिदार पिता खुरनु सिदार खसरा नं. 75/2, 76/2, 37/3 ग्राम पंचायत पोतरा, सुखसाय पिता सुकुल साय खसरा नंबर 12/4, 2/19, 2/23,3,4/1,5/1,84/1 राजेश्वर गिरी पिता तुलसी गिरी खसरा 218/4 नगर पंचायत लैलूंगा बलराम पिता गंगाराम खसरा नंबर 101, 1140, 605, 710, 230, 918, 95 / 1, 98 ग्राम समस्त पिता आत्मा राम सिदार खसरा नंबर 3, 76/4, 764, 766, 795, 895 ग्राम पंचायत खेड़आमा का बयान लिया गया जिसमें आये हुए पंजीकृत कृषकों द्वारा खरीफ विपणन वर्ष 2021-22 में पंजीयन हेतु आवेदन किया जाना बताया गया पंजीकृत कृषकों के पंजीयन में गैर कृषकों के खसरों के एंट्री के विषय में कोई भी जानकारी नहीं होना पाया गैर पंजीकृत कृषक रामलाल सिदार खसरा नं. 75/2, 13 ग्राम पंचायत द्वारा अपना कुल रकबा 6.7 हेक्टे. भूमि बताया तथा इस खसरों पर रामलाल सिदार द्वारा रोगी, डोंड़का एवं बरबटूटी थोड़ा बहुत धान उगाना बताया गया है। धान उपार्जन केन्द्र लैलूंगा में इन गैर कृषकों के द्वारा कोई भी धान विक्रय नहीं किया जाना पाया गया तथा विक्रय किये गये धान की भुगतान राशि एवं आहरण उपरोक्त कृषकों के खातो से नहीं किया जाना पाया गया है। उपरोक्त कृषकों का खसरा एवं रकबा की एंट्री बिना आवेदन के किये जाने की पुष्टि होती है तथा कुछ पंजीकृत कृषकों के पंजीयन के दौरान इसी प्रकार अन्य कृषक के खसरों की एंट्री कर रकबा बढ़ाया गया है इस पर धान विक्रय एवं धान विक्रय पश्चात राशि का भुगतान एवं आहरण किया जाना सही पाया गया है। ऐसे जानकारी में 19 कृषकों की सूची संलग्न है जिनके खसरों व रकयों की एंट्री कर धान खरीदी में भारी मात्रा में हेरा-फेरी किया जाना पाया गया है।
(5) पंजीयन की प्रक्रिया के अनुसार सर्वप्रथम आवेदन सम्बन्धित RAEO द्वारा लिया गया है जिसकी एंट्री के पश्चात SADO के मॉड्युल से आधार नं. एवं बैंक खाते की पुष्टि किया जाना पाया गया। इसके पश्चात मूल आवेदन जो लैलुंगा एवं बीरसिंघा समिति में जमा किया जाना पाया गया। समिति में आये आवेदन के अनुसार समिति के ऑपरेटर के द्वारा कृषकों की एंट्री समिति मॉडयुल में की गई।
(6)RAEO एवं SADO का बयान लिया गया जिसमें RAEO एवं SADO द्वारा बैंक खाता व आधार नं. में उनके मॉड्यूल से संशोधन किया जाना स्वीकार किया गया है परंतु सुथनी होलसाय, चंदन सिंह सिदार एवं झगरू राम / समरत की एंट्री के विषय में RAEO एवं ऑपरेटर द्वारा कोई भी बात नहीं बताई गई तथा इसकी एंट्री अन्य जगह से होना बताया गया वरिष्ठ कृषि विकास विस्तार अधिकारी के कार्यालय के कर्मचारियों का बयान लिया गया जिसमें कर्मचारियों द्वारा 8 प्रकरण में ही बैंक खाता एवं आधार नंबर का संशोधन होना बताया गया कर्मचारियों द्वारा बताया गया प्रभारी RAEO एवं SADO लोभन साथ सारथी के मॉड्यूल का संचालन उनके ऑपरेटर द्वारा किया जाना बताया है जिसकी जानकारी लोभन साय सारथी को है।
( 7 ) पंजीकृत किसान सुधनी होलसाय के द्वारा धान पंजीयन के आवेदन समिति से प्राप्त किया गया जिसमें सुधनी होलसाय द्वारा दिया गया खाता सही न होकर शंकर तिग्गा / बाबूलाल नामक व्यक्ति के खाते की एंट्री किया जाना पाया गया। इसी प्रकार बढ़ाये गये अत्यधिक रकबे के पंजीकृत कृषकों के कई आवेदन अप्राप्त है जो कि समिति स्तर, RAEO स्तर एवं तहसील स्तर पर नहीं पाया जाना की गई अनियमितता की पृष्टि करता है।
( 8 ) तहसीलदार लैलुंगा जगतराम सतरंज पिता ठडाराम सतरंज उम्र 53 वर्ष द्वारा अपने बयान में बताया गया कि खरीफ विपणन वर्ष 2021-22 में कृषकों के पंजीयन रकबा सुधार तथा अधिया / रेंगहा के नाम पर पंजीयन हेतु मॉडयूल प्रदान किया गया था जिसमें उनके द्वारा अपने मॉडयूल ID एवं पासवर्ड उनके कर्मचारी भुईया शाखा के ऑपरेटर श्री उत्तम निषाद को दिया जाना बताया है। तहसीलदार लैलुंगा ने कथन किया है कि उत्तम निषाद द्वारा अपने मो. से मेरा ID पासवर्ड लॉगिन करने पर मेरे मो. नंबर 9754806476 पर OTP आता था जिसे मैं उत्तम निषाद को दे देता था मेरे नाम से तहसील मॉड्यूल कब जारी हुआ इसकी निश्चित तारीख मुझे याद नहीं है। उनके द्वारा तहसील मॉडयूल में क्या-क्या सुधार किया जाता था इसकी भी जानकारी नहीं होना बताया गया। तहसीलदार लैलुंगा ने अपना ID एवं पासवर्ड ऑपरेटर द्वारा धान उपार्जन केन्द्रो के ऑपरेटरों को दिया जाना बताया। तहसील मॉडयूल से पंजीकृत कृषकों के रकबे बैंक खाता एवं आधार नं. के संशोधन के विषय में कोई भी जानकारी नहीं होना बताया गया।तहसीलदार द्वारा रकबा वृद्धि से संबंधित मुझे कोई भी जानकारी नहीं होना बताया गया। रकबा वृद्धि से संबंधित जानकारी धान खरीदी समाप्त होने के पश्चात जिला स्तरीय जांच दल द्वारा जांच करने पर मुझे रकबे में संशोधन आदि की जानकारी होना बताया गया। मेरे द्वारा बीच-बीच में कंप्यूटर ऑपरेटर को ID पासवर्ड बदलने हेतु निर्देशित किया जाता रहा तथा सही धान के रकबे दर्ज करने हेतु निर्देशित किया जाता रहा। मुझे आवेदन प्राप्त होने पर ही भुइँया शाखा को कार्यवाही हेतु मार्क किया जाता था। जिसके आधार पर कंप्युटर ऑपरेटर द्वारा पूर्व में हुए पंजीयन में संशोधन की कार्यवाही की जाती थी।
( 9 ) भुईया शाखा में कार्यरत उत्तम कुमार निषाद पिता स्व. देवनारायण निषाद के द्वारा खरीफ विपणन वर्ष 2021-22 कृषकों के धान विक्रय पंजीयन के लिए प्रदाय किये गये तहसील मॉडयूल का संचालन तहसीलदार जगतराम सतरंज के निर्देश पर किया जाना पाया गया। उत्तम निषाद द्वारा कथन किया गया है कि तहसील मॉडयूल का ID पासवर्ड अक्टूबर 2021 के अंतिम सप्ताह तक मेरे द्वारा संचालन किया गया है जिसमें मेरे द्वारा तहसील प्राप्त आवेदनों के आधार पर केवल 02 वारिसन पंजीयन तथा कुछ आवेदन में रकवा संशोधन की एंट्री किया गया है जिसकी प्रति ( आवेदन ) तहसील कार्यालय में जमा है। इसके अलावा मेरे द्वारा अन्य कोई रकबा संशोधन, बैंक खाता, आधार नं. या अन्य कोई संशोधन नहीं किया गया हैं। अक्टूबर 2021 के पश्चात तहसील मॉडयूल ID एवं पासवर्ड धान खरीदी केन्द्र लैलूंगा के ऑपरेटरों को बुला कर नायब तहसीलदार सुश्री राकी एक्का की उपस्थिति में तहसीलदार लैलूंगा महोदय के आदेशानुसार दिया गया था। तहसील मॉडयूल में एंट्री करने हेतु मुझे मौखिक आदेश दिया गया था। तहसील सैलुंगा महोदय इस विषय में अवगत कराया था तहसील कार्यालय के भुइँया शाखा में श्री उत्तम कुमार की नियुक्ति अगस्त 2021 से होना पाया गया जिसे 01.09.2021 को उनके द्वारा कार्यभार लेना पाया गया।


( 10 ) धान खरीदी केन्द्र लैलूंगा में समिति स्तर पर वरिष्ठ कृषि विकास विस्तार अधिकारी से संशोधन हेतु कार्यालय एवं तहसील कार्यालय लेलुंगा में कृषकों पंजीयन रद्द किये गये चिन्हांकित आवेदनों की छटनी करवाई गई जिसमें कृषक शंकर तिग्गा पिता बाबुलाल, सुधनी बाई/होलसाय, बाबुलाल लछन साथ पिता चंवर साय एवं कुछ अन्य कृषकों का ही आवेदन मौके पर पाया गया जिसमें आवेदन से ईतर खसरा नंबरों एवं बैंक खातों की एंट्री किया जाना सही पाया गया। कुछ अन्य संदिग्ध पंजीयन चंदन सिंह सिदार, झगरू समस्त इत्यादि का आवेदन समिति या अन्य किसी भी कार्यालय में नहीं पाया गया जो कि पाई गई
अनियमितता एवं सांठगांठ को स्वयं सिद्ध करता है। श्री शंकर तिग्गा/बाबूलाल के आवेदन को लैलुंगा धान समिति केन्द्र द्वारा SADO लैलूंगा के सत्यापन के पश्चात एंट्री किया जाना पाया गया जिसमें शंकर तिग्गा के मूल आवेदन से अधिक खसरा के नंबर की एंट्री किया जाना पाया गया।
(11) कृषक लछन साय सिदार पिता चमर साय द्वारा रकया संशोधन हेतु किये गये आवेदन में बढ़े हुए खसरे और रकबा दर्ज होना नहीं पाया गया। कृषक के B-1 में भूमि का कुल रकबा 3.305 हेक्टे. अंकित है तथा अन्य B-1 में 1.481 हेक्टे. भूमि दर्ज है। इस प्रकार से आवेदनों के निरीक्षण से यह सिद्ध होता है कि पंजीकृत कृषकों के रकबे व खसरों में तथा बैंक खाता व आधार नंबर में छेड़छाड़ कर धान का पंजीयन किया जाना पाया गया। बैंक खाता एवं आधार नं. में संशोधन का कार्य RAEO के मॉडयूल से किया जाना पाया गया। वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी कार्यालय से केवल 08 प्रकरणों में ही बैंक खाता व आधार नं. में संशोधन किया गया है जो कि संदिग्ध है। इसके अलावा किये गये व्यक्तिगत जानकारी में संशोधन के आवेदन अप्राप्त है, जो एक बड़ी साजिश को अंजाम देना प्रतीत होता है।
(12) समिति प्रबंधक प्रहलाद बेहरा द्वारा धान आवक पंजी, धान खरीदी पंजी, आवक टोकन पंजी, स्टॉक पंजी प्रस्तुत किया गया। इसके अलावा अन्य कोई भी पंजी मौके पर प्रस्तुत नहीं की गयी झगरू समरत द्वारा धान आवक दिनांक 19.01. 2022 को 180 क्विं धान की खरीदी प्रदर्शित है, जिसमें झगरू का हस्ताक्षर संदिग्ध है तथा धान आवक दिनांक 22.01. 2022 को झगरू द्वारा 235 क्विं धान खरीदी के विरुद्ध 180 क्विं. पान आवक पंजी में प्रदर्शित है जो कि संदिग्ध कार्यप्रणाली को परिलक्षित करता है। इसी प्रकार चंदन सिंह सिदार रनमत के द्वारा धान आवक दिनांक 27.12.2021 को 260 क्विं धान खरीदी के विरूद्ध 216 क्विं. धान की मात्रा अंकित किया जाना पाया गया। इसी प्रकार सुधनी होलसाय के धान आवक दिनांक 14.01.2022 को 180 क्विं. धान खरीदी के विरूद्ध 120 क्विं धान आवक एंट्री किया जाना पाया गया तथा दिनांक 25.01.2022 को 169.20 क्विं धान खरीदी के विरूद्ध आवक की एंट्री नहीं पाई गई, जो कि अनियमितता को जानबुझकर किया जाना स्पष्ट करता है।
(13) बारदाना वितरण पंजी व कार्यवाहक पंजी मौके पर प्रस्तुत नहीं किया गया जिस कारण से नये पुराने बारदाने का वितरण एवं स्टॉक की जानकारी नहीं प्राप्त हुई। उपलब्ध बारदाने की संख्या जबकि ऑनलाईन धान खरीदी रिपोर्ट में वर्तमान में अब तक की धान खरीदी विवरण के अनुसार धान खरीदी निरंक प्रदर्शित हो रहा है। धान उपार्जन केन्द्र लैलूंगा द्वारा खरीफ विपणन वर्ष 2021-22 में कुल 22540 क्विंटल धान की खरीदी पंजीकृत कृषकों से की गई है जिसके लिये समिति द्वारा खरीदे गये धान का कुल शुद्ध भुगतान 3,97,97,864.81 रू. बैंक खातों में किया गया जिससे 425 पंजीकृत कृषक लाभान्वित होना प्रदर्शित है। भुगतान की कुल राशि सभी खातों में अंतरण की जा चुकी है।
(14) ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारीयों द्वारा किसानों से प्राप्त आवेदन के सत्यापन / संशोधन के पश्चात कार्यालय के कंप्यूटर ऑपरेटर नूतन कुमार गुप्ता,रूद्र प्रताप सिंह सिदार एवं संत राम साहू द्वारा किसानों के व्यक्तिगत जानकारी में संशोधन/पुष्टि का कार्य किया जाना पाया गया। कार्यालय स्तर पर केवल 8 आवेदन व्यक्तिगत जानकारी के संशोधन हेतु उपलब्ध पाया गया जबकि पंजीयन के दौरान कई कृषकों के बैंक खाता एवं आधार नंबर के स्थान पर अन्य व्यक्तियों के खाता क्रमांक का एंट्री किया जाना पाया गया है तथा अन्य संदेहास्पद आवेदन कार्यालय से अप्राप्त है जिसके लिए कार्यालय के सम्बन्धित अधिकारी/कर्मचारी / ऑपरेटर संयुक्त रूप से जिम्मेदार है।
(15) समर्थन मूल्य में धान उपार्जन नीति वर्ष 2021-22 के कंडिका क्रमांक पर स्पष्ट उल्लेखित है कि धान खरीदी के दौरान किसानों के ऋण पुस्तिका जांच कर खरीदी मात्रा का पृष्ठभाग में उल्लेखित किया जाना था परन्तु समिति के फड़ प्रभारी द्वारा किसानों से ऋण पुस्तिका मांग कर धान विक्री मात्रा का उल्लेख नहीं किया गया साथ ही कंप्युटर ऑपरेटर द्वारा पंजीकृत रकवे का सत्यापन नहीं कर सीधे धान खरीदी हेतु लापरवाही पूर्वक टोकन जारी किया गया जिसके कारण अवैध रूप से किसानों के बढ़े हुए रकवे पर धान खरीदी हुआ, जिसके लिए डाटा एंट्री ऑपरेटर एवं फड़ प्रभारी लैलूंगा व्यक्तिगत रूप से जिम्मेदार है।
(16) खरीफ विपणन वर्ष 2021-22 में दिनांक 27/11/2022 से किसान के रकबे का संशोधन संयुक्त खातेदारों का पंजीयन वारिसान कृषकों का पंजीयन एवं अन्य सुधार संबंधी कार्य हेतु खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग रायपुर द्वारा तहसीलदार को आई.डी. एवं पासवर्ड प्रदाय किया गया था तहसीलदार की जानकारी में तथा नायब तहसीलदार की उपस्थिति में उत्तम प्रसाद निषाद द्वारा लापरवाहीपूर्वक धान उपार्जन केन्द्र लैलूंगा के डाटा एंट्री ऑपरेटर को तहसील मॉडयूल का आई.डी. पासवर्ड प्रदान किया जाना पाया गया, जिसके कारण धान उपार्जन केन्द्र लैलूंगा में पंजीयन का कार्य करने वाले ऑपरेटर एवं अन्य व्यक्ति द्वारा तहसीलदार के मॉडयूल से किसानों के पंजीकृत रकवे पर छेड़-छाड़ कर रकबा में बेतहाशा वृद्धि की गयी, जिसके लिए वे संयुक्त रूप से जिम्मेदार है।
(17) आदिम जाति सेवा सहकारी समिति मर्यादित लेलुंगा पंजीयन क्रमांक 160 के प्रभारी प्रबंधक द्वारा अपने पदीय कर्तव्यों का निर्वहन करने में असमर्थ रहा जिसके कारण अधीनस्थ कर्मचारियों से मिलीभगत कर लापरवाही पूर्वक धान खरीदी किया जाना पाया गया है। में 414 क्विं. धान
(18) किसान द्वारा प्रस्तुत बयान में समिति प्रबंधक द्वारा किसान मनमोहन सिदार के नाम से 514 क्विं. धान फर्जी खरीदी किया जाना बताया गया तथा किसान के बैंक खाते से 1,06,000 रू. समिति प्रबंधक के खाते में ट्रांसफर होना पाया गया, जिससे किसान की कथन की पुष्टि होती है।
(19) किसानों के द्वारा धान विक्री की राशि प्राप्त करने के लिए अपेक्स बैंक शाखा पत्थलगांव, भारतीय स्टेट बैंक शाखा लैलुंगा, छ.ग. ग्रामीण बैंक के सहायक से लेनदेन किया गया है। अपेक्स बैंक शाखा पत्थलगांव से प्रदाय संबंधित किसानों का बचत खाता नकल का अवलोकन करने से स्पष्ट होता है कि किसानों द्वारा स्वयं आहरण चेक जारी करना, उनके खातो से अन्य खातो पर राशि हस्तांतरण करने, व्यक्तिगत खाते से नगद आहरण करने के संबंध में शाखा प्रबंधक अपेक्स बैंक पत्थलगांव
द्वारा बैंकिंग नियमों का पालन नहीं किया जाना पाय गया है, साथ ही अपेक्स बैंक पत्थलगांव में विकास खंड लैलुंगा के लिए नियमानुसार गुरुवार का दिन आहरण एवं भुगतान हेतु निर्धारित है एवं भुगतान किये जाने वाले राशि की मात्रा 50000 रू. तय है। इसके बावजूद भी शाखा प्रबंधक एवं अपेक्स बैंक कर्मचारियों द्वारा चिन्हांकित संदेहास्पद कृषकों को अन्य दिवस में मनचाही राशि का भुगतान किया जाना सही पाया गया। अतः बैंक शाखा के राशि आहरण करने के संबंध में इनकी भूमिका संदिग्ध प्रतीत होती है।
(20) संदिग्ध कृषकों में शंकर तिग्गा पिता बाबूलाल तिग्गा किसान कोड क्रमांक TF4100660101315 द्वारा अपने स्वयं के पंजीयन में बिना आवेदन किये अपने रकबे में बेतहाशा वृद्धि करवाया जाना सही पाया गया, साथ ही पंजीकृत कृषक सुधनी होलसाय के पंजीयन में श्री शंकर तिग्गा का PNB के खाता क्रमांक 2877001700176431 में एंट्री होना पाया गया। इन दोनो खातों में भुगतान की राशि का आहरण एवं राशि का ट्रांसफर किया जाना सही पाया गया, जबकि शंकर तिग्गा द्वारा बयान में लैलूंगा क्षेत्र के निजी वाहनों में ड्राईवर का कार्य कर जीवन निर्वाह किया जाना बताया गया है तथा आहरण की गयी राशि के बारे में कोई स्पष्ट कथन नहीं किया गया। इस प्रकार शंकर तिग्गा एवं कुछ अन्य कृषकों के माध्यम से बिचौलिये एवं समिति की सांठ-गांठ होने की स्पष्ट पुष्टि होती है किया गया कृत्य सम्बन्धित कृषको एवं समितियों द्वारा सोच समझकर किया जाना पाया गया, जिससे भारी मात्रा में करोड़ो रूपये का नुकसान शासन को पहुंचाया गया है।
(21) उपरोक्तानुसार (1) आदिम जाति सेवा सहकारी समिति मर्यादित लैलुंगा पंजीयन क्र. 160 में धान खरीदी विपणन वर्ष 2021-22 में किसान पंजीयन के दौरान कृषकों के रकबों में छेड़-छाड़ एवं वृद्धि कर धान बिक्री / खरीदी कार्य में धान उपार्जन नीति 2021-22 का अक्षरांश नियमों का पालन नहीं करते हुए टोकन जारी करने से पूर्व सावधानी नहीं बरतने तथा फड़ प्रभारी द्वारा किसानों से ऋण पुस्तिका मांग कर धान बिक्री मात्रा का उल्लेख नहीं किया जाना, कंप्यूटर ऑपरेटर द्वारा पंजीकृत रकबे का सत्यापन नहीं कर सीधे धान खरीदी की एंट्री करना, बारदाने का हिसाब-किताब हेतु पंजी का संधारण नहीं किया जाना की गई अनियमितता को जान बुझकर परिणित किया जाना सही पाया गया है। इसमें लैलूंगा समिति के प्रबंधक, ऑपरेटर, फड़ प्रभारी, बारदाना प्रभारी ये सभी संयुक्त रूप से जिम्मेदार है। (2) किसान मनमोहन सिंह सिदार एवं लछन साय सिदार के नाम से फर्जी धान खरीदी में प्रबंधक प्रहलाद बेहरा की संलितता पाई गई है। अतः प्रबंधक प्रहलाद बेहरा उक्त अनियमितता हेतु जिम्मेदार है। (3) किसान पंजीयन वर्ष 2021-22 में रकवा संशोधन, वारिसन एवं संयुक्त खातेदारों का पंजीयन हेतु तहसीलदार लैलूंगा को प्रदाय ID पासवर्ड का समिति के ऑपरेटर व प्रबंधकों को स्थानांतरण करके दुरूपयोग करने तथा प्रतिदिन प्राप्त होने वाले OTP का भी हस्तांतरण करने, रकवा वृद्धि पर तथा ID पासवर्ड पर प्रतिदिन या साप्ताहिक नियंत्रण व पर्यवेक्षण ना करने के कारण तहसील कार्यालय के सम्बन्धित ऑपरेटर लापरवाही पूर्वक कार्य करने के लिए जिम्मेदार है। (4) किसानों के रकबे में अप्रत्याशित रूप से वृद्धि होने पर अनुचित लाभ प्राप्त करने के उद्देश्य से धान बिक्री में कोचिया, विचौलिया का कार्य करने वाले कृषक शंकर तिग्गा व अन्य बिचौलिये व्यक्तिगत रूप से जिम्मेदार है। (5) किसान पंजीयन वर्ष 2021-22 में लैलूंगा समिति में हुए व्यक्तिगत विवरण में संशोधन करने के कारण सम्बन्धित किसान क्षेत्र के कृषि विकास विस्तार कार्यालय के प्रभारी SADO लैलुंगा लोभन साय सारथी, स्वप्निल रोज बड़ा RAEO लैलूंगा, एवं ऑपरेटर सेतराम साहू, नूतन कुमार गुप्ता संयुक्त रूप से जिम्मेदार है।
उत्तानुसार स्पष्ट है कि आपके द्वारा आदिम जाति सेवा सहकारी समिति मर्यादित लैलूंगा पंजीयन क्रमांक 160 के धान उपार्जन केन्द्र लैलूंगा एवं उपकेन्द्र बीरसिंधा में खरीफ विपणन वर्ष 2021-22 में धान खरीदी के दौरान किसान पंजीयन में रकबे में छेड़-छाड़ कर वृद्धि करते हुए भारी गड़बड़ी करते हुए अवैध रूप से धान खरीद कर आर्थिक लाभ प्राप्त करते हुए शासन को करोड़ो रूपये की क्षति पहुंचाई गई है। आपका उक्त कृत्य धान खरीदी नीति का स्पष्ट उल्लंघन है, जो कि दण्डनीय अपराध है। अतः कारण बतावे कि उक्त कृत्य के लिये क्यो न आपके विरूद्ध एफ.आई.आर. दर्ज किया जाये, संबंधितों को पद से पृथक किया जाये तथा नियमानुसार कार्यवाही
संस्थित की जावे ? जांच रिपोर्ट के आधार पर 13 लोगो को नोटिस दिया गया।जिसमे 19 जुलाई तक जवाब प्रस्तुत करने का समय मांगा है।
बैंक और बिचौलिये को नोटिस नही
जांच समिति द्वारा प्रतिवेदन में कहा गया है कि कृषको द्वारा स्वयं आहरण चेक जारी करना, उनके खातो से अन्य खातो पर राशि हस्तांतरण करने, व्यक्तिगत खाते से नगद आहरण करने के संबंध में शाखा प्रबंधक अपेक्स बैंक पत्थलगांव
द्वारा बैंकिंग नियमों का पालन नहीं किया गया। साथ ही अपेक्स बैंक पत्थलगांव में विकास खंड लैलुंगा के लिए नियमानुसार गुरुवार का दिन आहरण एवं भुगतान हेतु निर्धारित है एवं भुगतान किये जाने वाले राशि की मात्रा 50000 रू. तय है। इसके बावजूद भी शाखा प्रबंधक एवं अपेक्स बैंक कर्मचारियों द्वारा चिन्हांकित संदेहास्पद कृषकों को अन्य दिवस में मनचाही राशि का भुगतान किया जाना सही पाया गया। अतः बैंक शाखा के राशि आहरण करने के संबंध में इनकी भूमिका संदिग्ध प्रतीत होती है।शाखा प्रबंधक अपैक्स बैंक को दोषी पाए जाने पर भी कारण बताओ नोटिस नही दिया गया।साथ ही जांच रिपोर्ट में बिचौलिये का उल्लेख किया गया है लेकिन कारण बताओ नोटिस नही दिया गया।