
ग्राम पंचायत कार्यालय के पास स्वच्छता का अभाव, जिम्मेदार बने बेपरवाह!
रिपोर्ट हीरालाल राठिया लैलूंगा
धरमजयगढ- एक तरफ सरकार स्वच्छ गांव,स्वच्छ राज्य, स्वच्छ देश बनाने एवं विकसित छत्तीसगढ़, विकसित भारत निर्माण कार्य मे हर स्तर पर कार्य कर रही है। और वहीं दूसरी ओर शासन की हर सपना को वही जनप्रतिनिधि एवं जिम्मेदार अधिकारी द्वारा चखना चूर करते रहे हैं। हम बात कर रहे हैं, धरमजयगढ़ विकासखण्ड के ग्राम पंचायत कमोंशिनडांड का जहां पर सरपंच सचिव द्वारा स्वच्छता के प्रति कोई जागरूकता नहीं है, और ना जिम्मेदारी। ये हम नहीं ग्राम के पंचायत भवन बंया कर रही है।
पंचायत भवन कार्यालय का आंगन तालाब में तब्दील हो रहा है। स्थिति देख महात्मा गांधी के स्वच्छ भारत, स्वच्छ गांव का सपना टूटने लगा है। स्वच्छता के अभाव में लोग नाक पर रुमाल रखकर पंचायत भवन आने जाने को मजबूर हैं। स्वच्छता को लेकर लोगों को जागरूक भी किया गया।
साफ सफाई के अभाव में गंदगी पनप रही है। इसके चलते लोगों की मुश्किलें बढ़ गई है, जिससे ज्यादा परेशानी बच्चों से लेकर जवान , महिला बुजुर्ग को हो रही है।
इस स्थिति से पंचायत प्रतिनिधि भली भांति वाकिफ है। इसके बाद भी साफ सफाई को लेकर कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं। पंचायत प्रतिनिधि के उदासीन के चलते ग्राम में कई तरह के समस्याओं का अंबार लगा हुआ है।
*पंचायत प्रतिनिधि नहीं दे रहा ध्यान*
कमोशिनडांड ग्राम पंचायत में साफ-सफाई का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है। कि गंदा पानी अब पंचायत आंगन में जमा हो रही है। इसी होकर ग्रामीण आवागमन करते हैं। ग्रामीणों ने बताया कि वहीं आंगनबाड़ी के छोटे-छोटे बच्चे भी इसी गंदगी पानी में कई दिन हो गए खेलते नजर आते हैं। कई माह बीत जाने के बाद भी पंचायत प्रतिनिधि जाम पानी की सफाई के लिए ध्यान नहीं दे रहा है। जिससे लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
लेकिन आखिरकार जब पंचायत सचिव, एवं जनप्रतिनिधियों द्वारा ध्यान नहीं दिया जाना, वजह क्या हो सकती है,जो लोगों के समझ से परे है।