
नवजात शिशुओं के लिए एक नई उम्मीद:
20 महीने में 767 नवजात शिशुओं की जान बची , यहां सभी प्रकार की अत्याधुनिक सुविधाएं
विनय सिंह
बेमेतरा के ज़िला अस्पताल में विशेष नवजात देखभाल इकाई संचालित है,(SNCU) में अब तक भर्ती हुए 767 नवजात शिशुओं के इलाज में डॉ दीपक कुमार निरौला और उनकी टीम ने उल्लेखनीय सफलता प्राप्त की है।ये नवजात शिशु कई गंभीर बीमारियों से जूझ रहे थे, जिनमें से कई प्रीमेच्योर और कम वजन के थे, जिनका वजन 1000 ग्राम से भी कम था। इन 100 नवजात शिशुओं को विशेष देखभाल की आवश्यकता थी, जिसमें सांस लेने में कठिनाई (19), बर्थ एस्फेजिया (246), पीलिया (297), बुखार (30), सेप्सीस (47), बर्थ डिफेक्ट (3) और मिकोनियम (11) जैसे जटिल मामले शामिल थे। जिला चिकित्सालय बेमेतरा. में एस.एन.सी.यू. स्पेशल न्यूनेटल केयर यूनिट 20 माह पहले शुरू हुई है। इससे पहले व्यक्ति स्वास्थ्य गत सुविधाओ को लेकर रायपुर, दुर्ग,बिलासपुर, या अन्य शहरों की ओर जाते थे। ऐसे में जहाँ प्राईवेट अस्पतालों में एस.एन.सी.यू. में भर्ती हुए बच्चों के ईलाज में परिजनों का काफी मोटी रकम खर्चा हो जाता है, वही जिला चिकित्सालय बेमेतरा के सरकारी अस्पताल में अब इनका ईलाज फ्री है जिसका लाभ अब तक कुल 767 परिजनों ने लिया है ।
जिला चिकित्सालय बेमेतरा के एस.एन.सी. यू. विभाग में नवजात के देख-रेख व उपचार हेतु मशीने जैसे कि रेडियेंट वार्मरं Special Newborn Care Unit फोटोथैरेपी, वेंटीलेटर आदि सभी बड़ी मशीने व सुविधायें उपलब्ध है। 20 महीने में 767 नवजात शिशुओं की जान बची , यहां सभी प्रकार की अत्याधुनिक सुविधाएं उपलब्ध है।
एस.एन.सी.यू. में भर्ती होने वाले इन नवजातों के लिए कई चुनौतियाँ थीं। कई शिशु इतने कमजोर थे कि वे दूध भी नहीं पी सकते थे। इसके बावजूद, डॉ निरौला और उनकी टीम ने हर बच्चे को अत्यधिक समर्पण और विशेषज्ञता के साथ देखा और उनका सफलतापूर्वक इलाज किया। उनके समर्पण और विशेषज्ञता ने कई नवजातों को जीवनदान दिया है और उनके परिवारों के लिए खुशी और राहत का कारण बने हैं।
इस अद्वितीय टीम की मेहनत और लगन के कारण ही इतने नवजात शिशु स्वस्थ होकर अपने घर वापस जा सके। उनकी यह सफलता केवल चिकित्सा क्षेत्र में ही नहीं, बल्कि समाज में भी एक प्रेरणा का स्रोत है। यह न केवल चिकित्सा जगत के लिए, बल्कि मानवता के लिए भी एक गर्व की बात है।