





प्रेस-विज्ञप्ति
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भाजपा विधायक अनंत ओझा के ख़िलाफ़ सामाजिक कार्यकर्ता देंगे धरना करेंगे आंदोलन- अरशद
मामला क्षेत्र के विकास की गंभीर उपेक्षा का
ओझा को टिकट नहीं देने व इनके चल अचल संपत्ति की जांच की मांग
पंकज मिश्रा व आलमगीर आलम से ओझा के सांठगांठ की हो जांच
अक्टूबर माह से शुरू होगा आंदोलन
साहिबगंज।चर्चित सामाजिक कार्यकर्ता सह पर्यावरण प्रेमी सैयद अरशद नसर ने शनिवार को प्रेस-विज्ञप्ति जारी करते हुए राजमहल विधानसभा क्षेत्र से दस साल से भाजपा विधायक अनंत ओझा पर क्षेत्र के विकास की उपेक्षा का अत्यंत ही गंभीर आरोप लगाते हुए ओझा के ख़िलाफ़ अक्टूबर माह के प्रथम सप्ताह से लगातार धरना प्रदर्शन व जन जागरूकता अभियान चलाने का एलान किया है.अरशद ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि ओझा ने अपने दस साल के विधायक कार्य काल के दौरान क्षेत्र में घर-घर जलापूर्ति योजना को लागू नहीं करवाने,साहिबगंज से खास महाल काला कानून को खत्म नहीं करवाने,राजमहल अनुमंडल को जिला नहीं बनवाने,राजमहल में गंगा पुल नहीं बनवाने,तीन पहाड़ को प्रखण्ड नहीं बनवाने,अन सर्वे भुमि का सर्वे नहीं करवाने,बंद मुरली हाल्ट स्टेशन को चालु नहीं करवाने,बंद हो गई एतिहासिक अपर इंडिया एक्स्प्रेस व दानापुर राजगीर ट्रेन को चालू नहीं करवाने,ग्रामीण व शहरी क्षेत्र की सड़कों को चलने लायक नहीं बनवाने,बिजली आपुर्ति सुनिश्चित नहीं करवाने,भाजपा में गुटबाजी करवाने,क्षेत्र को भ्रष्टाचार घपला घोटाला में प्रसिद्धि दिलवाने,चिकित्सा व शिक्षा व्यवस्था में सुधार नहीं करवाने,गंगा कटाव का स्थाई निदान नहीं करवाने,किसानों के लिए सिंचाई व्यवस्था नहीं करवाने,अपराध,रिश्वत खोरी व पुलिस प्रशानिक पदाधिकारियों के मनमानी पर रोक नहीं लगवाने आदि का गंभीर आरोप लगाया है साथ ही अरशद ने ओझा के चल अचल सम्पत्ति की भी ईडी सीबीआई से जांच कराने व 1250 हजार करोड़ खनन घोटाले में होटवार जेल में बंद सुबे के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा व 3000 हजार से अधिक के टेंडर कमीशन घोटाले में गिरफ्तार आलमगीर आलम से ओझा के सांठ-गांठ की भी सीबीआई ईडी से जांच की मांग करते हुए भाजपा आलाकमान से ओझा को टिकट नहीं देने की भी मांग की है.अरशद ने ओझा के ख़िलाफ़ क्षेत्र के सामाजिक कार्यकर्ताओं व जागरूक नागरिकों को गुल बंद कर अक्टूबर माह के प्रथम सप्ताह से लगातार आंदोलन चलाने को लेकर तैयारी शुरू कर दी है.अरशद के ओझा के ख़िलाफ़ आंदोलन की घोषणा से क्षेत्र का राजनीतिक पारा गर्म हो गया है.