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आमगाँव-तमनार क्षेत्र में ग्रामीणों की हुंकार: अनिश्चितकालीन आर्थिक नाकेबंदी शुरू, 14 सूत्रीय मांगों को लेकर सड़कों पर उतरे लोग

आमगाँव-तमनार क्षेत्र में ग्रामीणों की हुंकार: अनिश्चितकालीन आर्थिक नाकेबंदी शुरू, 14 सूत्रीय मांगों को लेकर सड़कों पर उतरे लोग

रिपोर्ट ~ हीरालाल राठिया लैलूंगा


रायगढ़ (छत्तीसगढ़), 17 जून 2025 —
आमगाँव और तमनार क्षेत्र के ग्रामीणों ने मंगलवार को अपनी ज्वलंत जनसमस्याओं को लेकर जिंदल कंपनी के सीएचपी (कोल हैंडलिंग प्लांट) चौक पर अनिश्चितकालीन आर्थिक नाकेबंदी शुरू कर दी है। बड़ी संख्या में ग्रामीण हाथों में तख्तियाँ और बैनर लिए अपने अधिकारों की मांग को लेकर शांतिपूर्ण परंतु तीव्र प्रदर्शन कर रहे हैं।

दुर्घटना पीड़ित परिवारों को न्याय की माँग
ग्रामीणों की पहली और अहम माँग है कि औद्योगिक दुर्घटनाओं में मृतक कर्मचारियों के परिवारों को रोजगार दिया जाए, उन्हें उचित मुआवजा मिले और उनके बच्चों को ओ.पी. जिंदल स्कूल में मुफ्त शिक्षा प्रदान की जाए।

ओव्हरलोड और तेज रफ्तार से त्रस्त ग्रामीण
सीएचपी चौक लिबरा से ओडिशा बॉर्डर तक लगातार ओवरलोडिंग और गति सीमा का उल्लंघन हो रहा है। ग्रामीणों ने फोर लेन सड़क चौड़ीकरण की माँग के साथ-साथ भारी वाहनों की नियमित कागजात जाँच की मांग की है।

जिंदल फोर्टिस हॉस्पिटल में निशुल्क इलाज की माँग
ग्रामीणों ने जिंदल द्वारा संचालित फोर्टिस हॉस्पिटल में क्षेत्र के लोगों को मुफ्त चिकित्सा सुविधा दिए जाने की मांग रखी है, जिससे गरीब ग्रामीणों को राहत मिल सके।

संविधान की अवहेलना पर विरोध
तमनार क्षेत्र भारत के संविधान के पाँचवीं अनुसूची क्षेत्र के अंतर्गत आता है, जहाँ किसी भी परियोजना को ग्रामसभा की अनुमति के बिना लागू करना गैरकानूनी है। ग्रामीणों का आरोप है कि नागरामुड़ा और मुड़ागाँव की वनों की कटाई बिना अनुमति के की जा रही है। प्रदर्शनकारियों ने तत्काल उस आदेश को निरस्त करने की मांग की है।

NGT के आदेश की हो रही अनदेखी
एनजीटी के आदेश अनुसार माइंस की दूरी गाँव से कम से कम 500 मीटर तथा बेल्ट से 125 मीटर होनी चाहिए, लेकिन इसका पालन नहीं हो रहा है। ग्रामीणों ने इस आदेश के पालन की माँग करते हुए दोषियों पर कार्यवाही की माँग की है।

खनन लीज नवीनीकरण पर ऐतराज
ग्रामीणों का कहना है कि कोयला खनन की लीज समाप्त होने के बाद केंद्र सरकार ने बिना ग्रामसभा की सहमति से उसे नवीनीकृत कर दिया है, जो असंवैधानिक है। उन्होंने लीज निरस्त कर पुनः ग्रामसभा से सहमति लेने की माँग की है।

भूमि अर्जन के बाद रोजगार नहीं, मुआवजा अधूरा
भूमि अर्जन के बाद जिन किसानों की जमीन ली गई है, उनके परिवारों को आज तक रोजगार नहीं मिला। ग्रामीणों ने उन्हें बेरोजगारी भत्ता देने और तत्काल रोजगार उपलब्ध कराने की माँग की है।

स्थानीय युवाओं के लिए स्थायी रोजगार की पुकार
जिंदल पावर प्लांट और कोल माईन में स्थानीय युवाओं को प्राथमिकता के आधार पर स्थायी रोजगार देने की माँग भी प्रमुख रही। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि बाहरी लोगों को नौकरी मिल रही है, जबकि स्थानीय बेरोजगार दर-दर भटक रहे हैं।

पर्यावरण प्रदूषण पर चिंता, कार्रवाई की मांग
कनाई एश और कोयला डस्ट के कारण क्षेत्र में गंभीर प्रदूषण हो रहा है, जिससे लोगों का जीवन प्रभावित हो रहा है। ग्रामीणों ने जिम्मेदार अधिकारियों और कंपनियों पर कठोर कार्यवाही की मांग की है।

प्रधानमंत्री आवास योजना पर रोक हटाने की माँग
तमनार क्षेत्र में प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत स्वीकृत परिवारों को निर्माण कार्यों की अनुमति नहीं मिल रही है। उनका आरोप है कि अनुविभागीय अधिकारी, घरघोड़ा द्वारा आदेश रोक दिया गया है, जिसे तुरंत वापस लेने की माँग की जा रही है।

ब्लास्टिंग से नुकसान की क्षतिपूर्ति की मांग
मार्डस की ब्लास्टिंग से ग्रामीण क्षेत्रों में घरों और खेतों को नुकसान हो रहा है। प्रदर्शनकारियों ने उसकी भरपाई के लिए कंपनियों से उचित मुआवजा देने की माँग की है।

ओव्हर लोड वाहनों पर सख्ती की मांग
ग्रामीणों ने डाला बॉडी बढ़ाकर चलने वाले भारी ओवरलोड वाहनों पर नाराजगी जताते हुए, तत्काल फिटनेस चेक एवं जुर्माना लगाने की माँग की है।

भूमि अधिग्रहण कानून का पालन हो
छत्तीसगढ़ राज्य के भूमि अधिग्रहण कानून के अनुसार सभी कार्यों में पारदर्शिता और ग्रामसभा की सहमति अनिवार्य है, लेकिन कंपनियों द्वारा इसका उल्लंघन हो रहा है। ग्रामीणों ने कानून के अक्षरशः पालन की माँग की है।

कोल ब्लॉक क्षेत्र से खरीद-बिक्री पर लगी रोक हटाने की माँग
सेक्टर-1 कोल ब्लॉक क्षेत्र में पिछले 20 वर्षों से भूमि की खरीद-फरोख्त पर रोक लगी हुई है। ग्रामीणों का कहना है कि इससे आपातकालीन परिस्थिति में ज़मीन बेचने की सुविधा भी उनसे छीन ली गई है। उन्होंने इस प्रतिबंध को हटाने की माँग की है।




निष्कर्ष:
तमनार और आमगाँव क्षेत्र के ग्रामीणों का यह आन्दोलन संविधानिक अधिकारों, पर्यावरण सुरक्षा, रोजगार, स्वास्थ्य और शिक्षा जैसी मूलभूत समस्याओं पर आधारित है। अनिश्चितकालीन आर्थिक नाकेबंदी से औद्योगिक गतिविधियाँ प्रभावित हो रही हैं। प्रशासन और उद्योग प्रबंधन पर अब दबाव है कि वे तत्काल संवाद कर समाधान निकालें, अन्यथा जन आक्रोश और भी व्यापक रूप ले सकता है।

रिपोर्ट: विशेष संवाददाता, ग्राम समाचार नेटवर्क


स्थान: तमनार, जिला रायगढ़, छत्तीसगढ़

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