
हाटी के खेताबहरी जंगल में फिर हुई एक हाथी की मौत,वन विभाग में मचा हड़कंप

गुरुचरण सिंह राजपूत
धरमजयगढ़ अमर स्तंभ
वन मंडल धरमजयगढ़ के अधिकारी कर्मचारियों की लापरवाही से फिर एक जंगली हाथी का पूर्ण शव बरामद हुआ है वही विभाग के सभी अधिकारी कर्मचारी फिर एक बार मृत हाथी को लेकर कुछ कहने के मुड़ में नहीं है लिहाजा अपने कर्तव्यों पर पर्दा डालते हुए इस घटना को लेकर चुप्पी साधे हुए है आपको बता दे की आज सुबह फिर एक जंगली हाथी की मौत का मामला सामने आया है जिसके बाद वन विभाग के अधिकारी कर्मचारियों में हड़कंप मच गया है आपको बता दे की घटना छाल रेंज की है जिसमे हाटी के खेंता बहरी जंगल के पीएफ 555 एक नव वयस्क हाथी का एक सप्ताह पुराण शव बरामद हुआ है।घटना की सूचना मिलते ही धरमजयगढ़ डीएफओ अपने अधीनस्थ कर्मचारियों को लेकर घटनास्थल पर पहुंचे और इसकी जांच में जुट गय आपको बता दे की एक के बाद एक लगातर जंगली हाथियो की मौत का मामला सामने आ रहे है अभी कुछ दिन पूर्व ही इस जंगल में एक हाथी की सड़ी गली लाश मिली थी तो वहीं जमा बीरा के जंगल में एक हाथी की लाश पाई गई जिसके दांत गायब थे और आज फिर एक हाथी का शव पाया गया है। लगातार हो रही ia तरह हाथियो की मौत को लेकर अब वन विभाग के अधिकारी कर्मचारियों पर भी सवाल दागे जा रहे है और हमेशा की तरह इनके पास कोई जवाब नही है
विभाग के अधिकारी कर्मचारियों की लापरवाही से हो रही मौतें
आपको बता दे की धरमजयगढ़ वन मंडल अधिकारी जब से यहां पदस्थ हुए है हाथियो की यह तीसरी मौत सामने आई है जिसका एक मात्र कारण यह है की बीट गार्ड जंगल में ड्यूटी करने के बजाय शहरी चकाचौंध में व्यस्त है और डीएफओ को इससे कोई सरोकार नहीं है ऐसे में जंगल में हाथियो की मौत हो थी है और विभाग के अफसरों को इसकी जानकारी तक नही होती को अभी हाल में हुई घटनाओं से पता चलता है ।
अधिकारी कर्मचारी ठेकेदारी में मस्त, लकड़ी तस्कर तस्करी में व्यस्त
जी हां कुछ इसी तरह का खेल धरमजयगढ़ के जंगलों में देखने को मिल रहा है छाल कापू और धरमजयगढ़ सहित अन्य इलाके में आय दिन लकड़ी तस्करी की खबरे सामने आती रहती है कुछ मामलो में विभाग कार्यवाही करता है और कुछ मामलो को रफा दफा कर देता है अभी हाल की ही एक घटना की बात करे जिसमे घरघोड़ा के छोटे गुमडा गांव में कुछ लकड़ी तस्कर लकड़ी तस्करी को अंजाम दे रहे थे और किसी कारणवश वो उसे गांव के नजदीक ही पटक कर चले गए जिसके बाद विभाग के अधिकारियों का कहना था की यह लकड़ी घरघोड़ा क्षेत्र की नही है और इस तरह की गोलाई मोटाई के पेड़ धरमजयगढ़ क्षेत्र में है।इससे साफ हो गया था की माल धरमजयगढ़ का था लेकिन इस घटना के वावजूद भी विभाग के अधिकारी कर्मचारी अपने कर्मचारियों से ना तो कोई सवाल किए और ना ही इसकी तहकीकात की वहीं बात करे अधिकारियों को तो आजकल विभाग के अधिकारी केवल पुल पुलिया और सड़क निर्माण के कार्यों को ज्यादा महत्त्व दे रहे है और इन कामों से फुरसत मिले तो अधिकारी जंगल की तरफ ध्यान दे।