
धरमजयगढ़ कालोनी में आयोजित काली पूजा में सांस्कृतिक कार्यक्रम बन रहे आकर्षण का केंद्र
गुरुचरण सिंह राजपूत
धरमजयगढ़

इन दिनों नगर के धरमजयगढ़ कालोनी में काली पूजा को लेकर प्रतिदिन श्रद्धालुओ की भीड़ उमड़ रही है।सांस्कृतिक कार्यक्रम के आलावा महा भंडारे का प्रसाद भी यहां खास तौर पर बनाया जाता है।जिसमे नगर के दानवीर लोग अपना सहयोग दे रहे है बीती रात नगर के मनोज अग्रवाल के द्वारा महा भंडारे का आयोजन किया गया ।दीपावली की रात से शुरू हुए काली पूजन में प्रतिदिन रात्रि में अलग अलग सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन भी आकर्षण का केंद्र बना हुआ है और इसी कड़ी में बीती रात माता का जगराता कार्यक्रम में भक्तगण देर रात तक माता के भजनों पर झूमने को विवश हो गए और कार्यक्रम के अंत तक यहां जयकारे की गूंज से पूरा इलाका गुंजयमान हो गया।
धरमजयगढ़ कालोनी में आयोजित काली पूजा में माता की झांकी के साथ गरबा का हुआ शानदार प्रदर्शन
धरमजयगढ़ कालोनी में आयोजित काली पूजन के अवसर पर प्रत्येक रात्रि मां काली की आराधना को लेकर अलग अलग कार्यक्रम किए जा रहे है।जिसमे श्रद्धालुओ की भीड़ उमड़ रही है और आज इसी क्रम में मां काली की आरती के पश्चात मां दुर्गा और काली के रूप की झांकी प्रस्तुत की गई और श्रद्धालुओ को धरा पर ही देवलोक के दर्शन करा दिए जिसे देख हर कोई भाव विभोर हो उठा आपको बता दे की इस झांकी का आयोजन सोनू मंडल के नेतृत्व में किया गया जिसमे सोनू मंडल ,दीपशिखा मंडल ,उमा हालदार, शिल्पा भौमिक, प्रिया विश्वास ,सुलेखा हालदार ,सुनीता हालदार , रेशमा माली ,सरस्वती हालदार, सिकदार, सुभद्रा सिकदार, दीपमाला विश्वास सविता व्यापारी शामिल रहे।
नगर पंचायत अध्यक्ष पहुंची काली पूजा में,क्षेत्र के खुशहाली की कामना की
बंगाली समाज द्वारा आयोजित कालोनी में चल रहे काली पूजा में जहां जिले के अलावा सरगुजा सहित कोरबा और कलकत्ता तक के लोग इस उत्सव में शामिल होने पहुंच रहे है वही इस बार काली पूजा आयोजन के अध्यक्ष भीम बैरागी के नेतृत्व में वृहद स्तर पर इस उत्सव का आयोजन किया जा रहा है।जिसमे श्रद्धालुओ की हजारों की भीड़ जुट रही है।वहीं आज मां क्षेत्र की खुशहाली की कामना लेकर माता के दरबार में नगर पंचायत अध्यक्ष तरुणा श्याम साहू और एल्डरमैन श्याम साहू पहुंचे तथा पूजन में उपस्थित पुरोहित के द्वारा विधि विधान से पूजा अर्चना की गई।आपको बता दे की बीते धरमजयगढ़ कालोनी में श्री श्री काली पूजा का यह 43 वा वर्ष है जिसे हर वर्ष एक नए साज सज्जा के साथ बेहतर ढंग से मनाया जा रहा है।