
हम मर जायेंगे लेकिन डीलिस्टिंग कराके रहेंगे – गणेशराम भगत


लैलूंगा :- रायगढ़ जिले के विकास खण्ड लैलूंगा की नगरी में दिनांक 30 मई 2022 को लैलूंगा की पावन धरा पर जनजाति समाज को उनकी हक और अधिकार दिलाने हेतु “ जनजाति सुरक्षा मंच ” ने धर्मान्तरित जनजाति व्यक्तियों को अनुसूचित जनजाति की सूची से बाहर किया जाये एवं संयुक्त संसदीय समिति की रिपोर्ट 10 जुलाई 1967 की सिफारिश को लागू कर अनुच्छेद 342 से संशोधन करके धर्मान्तरित जनताति का आरक्षण समाप्त किया जाये । इस आशय से संपूर्ण भारत देश में जन जागरण करते हुवे प्रत्येक जिले में आदिवासी सम्मेलन एवं महारैली का आयोजन किया गया है । जिसमें सभी जनजाति सगा समाज के बन्धु भाई बहिनों ने बड़ी संख्या में एक जुट होकर अपने हक और अधिकार की लड़ाई हेतु आवाज बुलन्द करने आमंत्रित किया गया था । जिले के सभी जनजातियों एवं विभिन्न आदिवासी समाज के नौ जवान साथी, पण्डा / पढ़ेहार, पुजारी, व्यापारी, कर्मचारी, सामाजिक, राजनैतिक वर्ग के साथ मातृ शक्ति एवं विद्यार्थी, सार्वजनिक एवं संगठित रूप से उपस्थिति होकर महारैली कार्यक्रम को सफल बनाये । सभी समाज के सगा जन एवं युवा साथी अपने पारम्परिक वेश भूषा एवं नृत्य मण्डलियों के साथ हजीरों की संख्या में आदिवासियों ने लैलूंगा नगर में महारैली निकाल कर नगर भ्रमण करने के पश्चात शासकीय उच्चत्तर माध्यमिक विद्यालय लैलूंगा के सामने एकत्रित होकर विशाल जन सभा का आयोजन किया गया था । जहाँ छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले के लैलूंगा, तमनार,धरमजयगढ़, छाल, खरसिया एवं जशपुर जिले के कांसाबेल, पत्थलगाँव, कोतबा, आदि के स्थानों से कई हजारों की संख्या में विभिन्न आदिवासी समाज के लोगों ने हिस्सा लिये । युवा नेता रवि भगत ने ईसाईयों को खुले मंच से ललकारा है! दहाड़ते लगाते हुए डीलिस्टिंग करने की बात कही है । वहीं आपको बता दें की जनजाति सुरक्षा मंच के संरक्षक एवं पूर्व मंत्री कद्दावर आदिवासी नेता गणेश राम भगत एवं लैलूंगा विधान सभा के पूर्व विधायक व मंत्री तथा संसदीय सचिव सुनिती सत्यानन्द राठिया, रायगढ़ राज घराने से जिला पंचायत सदस्य देवेन्द्र प्रताप सिंह, पनतराम भगत, श्रीकांत सोमावार, कृपा शंकर भगत, रायमुनी भगत, युवा नेता रोशन प्रताप साय, राधेश्याम राठिया, हरिशचन्द्र राठिया, लोकेश्वरी सिदार, नीनव राठिया, रजनी राठिया, शाता साय, रामनाथ बैगा, अरूण राय, जागेश सिंह सिदार, जिला संयोजक बसंत राठिया, कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए सुरेन्द्र बेसरा, उमाशंकर भगत, संपत लाल भगत, रवि भगत, दुखसिंह भगत, अशोक भगत, माद्री राम सिदार, ललित पैंकरा, संतोष राठिया, शिवपाल भगत, श्रीमती शकुन्तला भगत, रीना पालू भगत, आदि लोगों ने उपरोक्त कार्यक्रम को सफल बनाने में अहम भूमिका रही । वहीं मंच का सफल संचालन दीपक सिदार के द्वारा किया गया ।

