
कांग्रेस पार्षद सुरेंद्र चौधरी के प्रयास से कांग्रेस के निलंबित नेता उस्मान बेग की ताजपोशी संभव ?

कहते है राजनीति में कोई किसी का स्थाई दोस्त और दुश्मन नही होता है घरघोडा नगर पंचायत इसका सीधा उदाहरण देखने को मिलता है कभी एक दूसरे के धुर विरोधी रहे नगर पंचायत उपाध्यक्ष उष्मान बेग ने कांग्रेस प्रत्याशी सुरेंद्र कुमार चौधरी के खिलाफ मतदान कर हराया था और अल्पमत वाली बीजेपी प्रत्याशी शिशु सिन्हा के पक्ष में मतदान कर अध्यक्ष पद पर बैठा दिया था । नगर पंचायत में पूर्व में हुए चुनाव में बहुमत वाली कांग्रेस प्रत्याशी सुरेंद्र चौधरी को हार का मुह देखना पड़ा था जिला में चर्चा का विषय रहा । कांग्रेस प्रत्याशी की किरकिरी हुई थी । और प्रदेश कांग्रेस ने उष्मान बेग को कांग्रेस से निलंबित कर दिया गया था ।
3 साल बीत जाने के बाद नगर पंचायत अध्यक्ष शिशु विजय सिन्हा के खिलाफ उपाध्यक्ष उस्मान बेग के नेतृत्व में लाया गया अविश्वास प्रस्ताव जिले भर में चर्चा का विषय बना हुआ है। अध्यक्ष पद की मंशा से उष्मान बेग ने अविश्वास प्रस्ताव में क्षेत्रीय विधायक लालजीत राठिया के देखरेख में घरघोडा ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष को पूरे घटना क्रम से अलग रखने की बात सामने आ रही है । बहरहाल देखना होगा कि क्या पूर्व में हारने वाले कांग्रेस पार्षद सुरेंद्र चौधरी अपने हार को भुलाते हुए कांग्रेस के निलंबित नेता नगर पंचायत उपाध्यक्ष उष्मान बेग के साथ हुई जुगलबंदी क्या गुल खिलाती है बेग को अध्यक्ष पद तक पहुँचा पाने में कितना सफल होते है।