क्या फ़र्ज़ी दस्तावेज़ों के सहारे नौकरी कर रहे करारोपण अधिकारी दुलदुला?

करारोपण अधिकारी दुलदुला पर लग रहे आय से अधिक संपत्ति के भी गंभीर आरोप?

जशपुर। जिले के दुलदुला जनपद पंचायत में पदस्त करारोपण अधिकारी कविराज साय पैकरा के संबंध मे आरटीआई एक्टिविस्ट एवं विधि संकाय के छात्र शिवदत्त शर्मा ने बताया कि करारोपण अधिकारी के विरुद्ध नाम न बताने की शर्त पर उन्हें जानकारी प्राप्त हुई कि जिन दस्तावेजो के सहारे कविराज साय नौकरी कर रहे हैं वो भी फ़र्ज़ी है तथा वे भर्ष्टाचारीता में भी पूरी तरह संलिप्त है, दुलदुला जनपद मे हर एक कार्यों (पंचायत का ऑडिट सचिव को प्रभार देना एवं अन्य) के लिए पंचायत के सचिव एवं सरपंचों से करारोपण अधिकारी द्वारा मनमाना राशि की मांग करने की बात सामने भी सामने आई एवं उनकी कमाई प्रत्येक वित्तीय वर्ष की कितनी है जिसका कोई अनुमान नही है, देखने पर प्रथम दृष्टया इनके वार्षिक वेतन से बहुत अधिक प्रतीत होती है। प्राप्त सूचना की पुष्टि हेतु जब शिवदत्त शर्मा ने सूचना के अधिकार के तहत जानकारी निकालनी चाही तो व्यक्तिगत जानकारी कह कर जानकारी देने से मना कर दिया गया।
जिसकी शिकायत उन्होंने उच्चाधिकारियों से करते हुए जांच कर विधि अनुरूप आवस्यक दंडात्मक कार्यवाही की मांग की है। आगे उन्होंने पत्र में बताया कि इनके पास झारखण्ड से पंजीकृत एक कार, आवासीय घर जिसमे छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण बैंक संचालित है दो मंजिला, जे.पी लॉज जो तीन मंजिला है एवं स्वयं का आवास जो सरकारी जमीन पर बना हुआ है जो तीन मंजिला है इनके रिश्तेदारों एवं सगे-संबंधियों के नाम से कई जगह अपने निवास स्थान नगरपंचायत कुनकुरी जिला जशपुर में लिए गए है।
प्राप्त जानकारी के आधार पर आगे उन्होंने शिकायत में बताया कि अनावेदक झारखण्ड का निवासी है जहाँ उन्हें झारखण्ड राज्य सरकार द्वारा ओ.बी.सी की पात्रता दी गई है, जिसका प्रमाण इनके पुत्र एवं पुत्री का जाति प्रमाण पत्र है जो की झारखण्ड राज्य सरकार द्वारा जारी किया गया है। अनावेदक द्वारा फर्जी तरीके से जनपद पंचायत कांसाबेल मे निवास होना बता कर छत्तीसगढ़ राज्य सरकार से जाति प्रमाण पत्र प्राप्त कर वर्तमान में जनपद पंचायत दुलदुला जिला जशपुर मे करारोपण अधिकारी के पद मे पदस्थ है।
जिसके प्रमाण हेतु एवं सत्यता की जांच हेतु मुझे सत्यापित दस्तावेजों की अवाश्यकता थी एवं प्राप्ति हेतु आवेदक द्वारा उनके कार्यालय को दिनांक 03/03/2023 को तीन आवेदनों के माध्यम से करारोपण अधिकारी श्री कविराज साए पैंकरा से संबंधित जानकारी भारतीय साक्ष्य अधिनियम 1872 की धारा 76 के तहत मांगी थी जो मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत दुलदुला द्वारा आज दिनांक तक आवेदक को नहीं दिया गया है जो इस तथ्यों की सत्यता को प्रमाणित करता है। जो संज्ञेय अपराध अंतर्गत धारा 120 बी, सहपाठी धारा 463, 489, 464, 465, 409, 420, व भ्रस्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की धारा 7 भा०दं०वि का अपराध है जो शिकायत आवेदन में प्रस्तावित अनावेद के द्वारा कारित किया गया है।
“यह की निवेदन है की संज्ञेय अपराध की प्रथम सूचना दर्ज किए जाने के संबंध मे ललित कुमारी बनाम स्टेट ऑफ उत्तरप्रदेश व अन्य के परिपेक्ष्य मे वर्ष 2013 (5) एम.पी.एच.टी 336 (SC) मे पारित निर्णय में माननीय सर्वोच्च न्यायालय भारत के द्वारा देश के सम्पूर्ण राज्यों के पुलिस महानिदेशकों को आदेश जारी किया गया है तथा उक्त आदेश के अनुपालन मे माननीय पुलिस महानिदेशकों छत्तीसगढ़ राज्य के द्वारा संज्ञेय अपराध की तत्काल प्रथम सूचना दर्ज किए जाने के संबंध मे छत्तीसगढ़ राज्य के समस्त पुलिस अधीक्षको एवं थाना प्रभारियों को लिखित आदेश जारी किया गया है जिसके संबंध में इनकी संपति, बैंक खाते परिवार बैंक खाते जाति प्रमाण पत्र निवास पर न्यायहित मे तत्काल जांच कर जांच प्रतिवेदन के आधार पर अपराध दर्ज कर कार्यवाही किया जाना उचित है।”
विधि सम्मत जांच कर प्रस्तावित अभियुक्तगण के विरुद्ध संज्ञेय अपराध की सूचना पर धारा 120 120 बी, सहपाठी धारा 463,489,464, 465, 409, 420 व भ्रस्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की धारा 7 भा०दं०वि का अपराध दर्ज किए जाने एवं धारा 173 दं.प्र.सं का के तहत प्रतिवेदनात्मक कार्यवाही करने हेतु आवेदन प्रस्तुत किया गया है।
क्या कहते हैं जांच अधिकारी जनपद पंचायत दुलदुला:
मामले को लेकर जब जांच अधिकारी एवं सीईओ जनपद पंचायत दुलदुला को फ़ोन के माध्यम से संपर्क किया गया तो उन्होंने बताया कि जांच के बारे में मुझे किसी भी प्रकार का पत्र आज तक प्राप्त नहीं हुआ है।
पवन पटेल सीईओ ज०प० दुलदुला







