
स्थान–भाटापारा
ब्यूरो चीफ–विनय सिंह

स्लग–प्राथमिक कृषि साख मर्यादित समिति खैरा से किसान परेशान–
–प्रबंधक के ऊपर लगातार लापरवाही बरतने का आरोप–
–लगभग 5 से 6 गांव आते हैं समिति खैरा में–
–बलौदा बाजार भाटापारा जिले के भाटापारा विकासखंड के क्षेत्र में आने वाला प्राथमिक कृषि साख मर्यादित समिति खैरा जहां पर किसान अपनी बातों को लेकर के लगातार सोसाइटी पर लगातार बात रख रहे हैं मगर किसी भी प्रकार का निराकरण नहीं हो पा रहा है कारण स्पष्ट है कि किसान लगातार जैसे ही बरसात के समय लगता है उसके बाद से ही ले करके अपने खेतों के बीज अंकुरण करने तथा खाद्य सामग्री लेने की फिराक में रहता है क्योंकि उसे अपने धान की फसल उगाने के लिए खाद्य की जरूरत पड़ती है तथा किसान ऋण भी समिति के माध्यम से बैंक से लेते हैं और धान बेचने के उपरांत उनकी जो रेट है वह बैंक से पैसा काटकर उनको बची हुई राशि मिलती है मगर ग्रामीणों और किसानों के द्वारा लगातार प्राथमिक कृषि साख मर्यादित समिति खैरा के प्रबंधक तथा कर्मचारियों से लगातार शिकायत हो रही है कि जब से यहां पर हम आ रहे हैं तब से लगातार परेशानियां बढ़ रही है क्योंकि प्रबंधक प्रताप यदु के द्वारा लगातार अपनी मनमानी ढंग से ही कार्य किया जा रहा है किसानों का खाद्य सामग्री की बात लिखा तो ली जाती है मगर उन्हें महीना डेढ़ महीना घूमना पड़ता है और उसे समय पर खाद उपलब्ध नहीं हो पाती उसी तरह से वसूली की भी बात आ रही है कि जब किसान बैंक से अपनी कर्ज लेता है तो जब तक उसकी राशि समिति में शो नहीं हो पाएगी तब तक उसे खाद उपलब्ध नहीं हो पातीऔर प्राथमिक कृषि साख मर्यादित समिति खैरा में लगभग 5 से 6 गांव आता है और दूसरे समिति में इस तरह का बात नहीं आ रहा है क्योंकि जैसे ही खाद्य लिखी जाती है उसके बाद कुछ दिन पश्चात ही उसे सामग्री मिल जाती है खाद्य उपलब्ध रहता है तब की स्थिति में मगर यहां पर जब तक किसान कुछ पैसे नहीं देगी प्रबंधक को या जब तक सेटिंग नहीं होगा तब तक कार्य उसका आगे नहीं बढ़ पाता मामला क्या है कैसा है वह इसी तरह का बना रहता है और यह विगत कुछ वर्षों से चल रहा है जो अब आज की स्थिति में अपनी चरम सीमा लांघ चुकी है। तथा किसानों का यह भी आरोप है कि अभी तक जो साल दर साल बैठक समिति के माध्यम से रखी जाती है जिसमें समिति के तथा ग्रामीण और कुछ जनप्रतिनिधि भी रहते हैं वह भी बैठक अभी तक नहीं हो पाई है जिससे मंशा साफ हो रहा है कि कुछ अंदर कुछ बात है क्योंकि ग्रामीणों ने बताया कि अभी तक जो मजदूरी का भुगतान है वह भी साल भर से पेंडिंग पड़ा है और अभी तक उस राशि को उपलब्ध नहीं हो पाई है इस तरह से बात आ रहा है तथा इस विषय में ग्रामीणों ने जब मजदूरी भुगतान की राशि के बारे में जिला सहकारी बैंक मर्यादित निपनिया के ब्रांच मैनेजर वर्मा जी से बात करनी चाही तो उन्होंने जाओ जो करना है कर लो जहां शिकायत करना है कर लो इस प्रकार की बात भी कहने की बात किसानों के द्वारा बताई गई।