
हादसे को न्योता दे रहा स्कूल का जर्जर भवन
टूटी-फूटी छत के नीचे पढ़ाई करने को मजबूर मासूम,विभाग ने मूंदी आंखें


गुरुचरण सिंह राजपूत
धरमजयगढ़ अमर स्तंभ
प्राथमिक शिक्षा में सुधार के लिए सरकार हरसंभव प्रयास कर रही है, लेकिन स्कूलों के जर्जर भवनों की मरम्मत का कार्य नहीं कराया जा रहा है। विद्यालयों में शिक्षण सत्र शुरू हो गया है। ऐसे में बच्चे स्कूलों के जर्जर भवन में पढ़ने के लिए मजबूर है। स्कूलों के खस्ताहाल भवनों को देख अभिभावक भी बच्चों को स्कूल भेजने से कतरा रहे हैं।आपको बता दें कि रायगढ़ जिले के धरमजयगढ़ विकासखंड अंतर्गत ग्राम सिथरा के आश्रित मुहल्ले कुकरीखोर्रो में शिक्षा व्यवस्था और स्कूल की इमारतें पूरी तरह से बदहाली का शिकार हो चुकी हैं यहां स्थित प्राथमिक शाला में बने कमरों की छत पूरी तरह से जर्जर हो चुकी है. छत कब गिर जाए कुछ कहा नहीं जा सकता है. लेकिन छत के नीचे बैठकर कई मासूम पढ़ाई कर रहे हैं. मासूमों की जिंदगी पर मौत का संकट मंडरा रहा है. लेकिन शिक्षा विभाग के अफसरों पर इस ओर कोई ध्यान नहीं है. इस सरकारी स्कूल में शिक्षा के नाम पर मासूमों को मौत के मुंह में धकेलने का काम चल रहा है, लेकिन शिक्षा विभाग नींद की आगोश में है।वहीं स्कूल के प्रधान पाठक प्रभाकर गोपाल ने बताया की लगभग 3 वर्षो से इसी तरह जर्जर भवन में कक्षाएं संचालित की जा रही है कई बार विभाग को पत्र भी लिखा गया लेकिन किसी तरह का संज्ञान नहीं लिया जा रहा वहीं स्कूल में पढ़ रहे बच्चो के परिजनों का कहना है कि अब तो उन्हें बच्चो को स्कूल भेजने में भी डर सा लगने लगा है लेकिन करे तो क्या करे स्कूल नहीं भेजते है तो बच्चे का भविष्य अंधकार में जा रहा है ऐसे में मजबूरन स्कूल भेजना पद रहा है वहीं मामले को लेकर विकासखंड शिक्षा अधिकारी एस आर सिदार ने बताया की इस तरह की और इससे भी ज्यादा जर्जर हालत में पूरे विकासखंड में 200 से अधिक स्कूल है हर साल विभाग को सूची भेजी जा रही है लेकिन समस्या जस की तस बनी हुई हैं।