
लैलूंगा सी एम ओ पर लगा भ्रष्टाचार और मनमानी के आरोप, पार्षदों ने खोला मोर्चा

लैलूंगा/ लैलूंगा यूं तो नगर पंचायत लैलूंगा और विवादों का चोली दामन का साथ है, पर इस बार अधोसंरचना मद से लगभग तीन करोड़ के कार्यों में अपने वार्ड का एक भी कार्य को शामिल न किए जाने से नाराज पार्षदों ने नगर पंचायत के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। पार्षदों ने नगर पंचायत सीएमओ पर मनमानी करने एवं भ्रष्टाचार मैं आकंठ डूबे रहने का आरोप लगाया है। पार्षदों ने मुख्य नगरपालिका अधिकारी पर उन्हीं कार्यों को स्वीकृत कराने का आरोप लगाया जिस पर भ्रष्टाचार पर कर पैसा बनाया जा सके। ज्ञात रहे लैलूंगा नगर पंचायत में गत दिनों अधोसंरचना मद से 3 करोड़ के विकास कार्यों की स्वीकृति हुई नगर पंचायत लैलूंगा में कई ऐसे वार्ड भी रहे जिसमें जिसमें जरूरत और प्राथमिकता होते हुए भी एक भी कार्य स्वीकृत नहीं किए गए। पार्षदों से परिषद की बैठक में अपने-अपने वादों में आवश्यक निर्माण कार्यों की सूची भले ही मंगाए गया पर कार्यों की स्वीकृति सीएमओ ने अपनी इच्छा अनुसार कराएं। स्वीकृत निर्माण कार्यों की जानकारी भी पार्षदों एवं आम लोगों को टेंडर पश्चात ही हुआ। पार्षदों ने सीएमओ पर ई टेंडर एवं मैनुअली निविदा में भी गोपनीय टेंडर करते हुए अपने चहेते ठेकेदारों को लाभ दिलाने का आरोप लगाया ।
वार्ड क्रमांक सात के पार्षद कृष्णा जयसवाल के अनुसार सी एम ओ और अध्यक्ष के मनमानी रवैये से नगर पंचायत लैलूँगा वार्ड नं 0 7 और वार्ड क्रमांक 05 निवासी मूल भूत सुविधा से वंचित हो गया। इन वार्डों में लोग बजबजाती नालियों और कीचड़ युक्त रास्तों पर चलने के लिए मजबूर हैं वार्ड वासी । पार्षद कृष्णा जायसवाल कहा भले ही नगर में कांग्रेश की सरकार है पर कांग्रेश की लुटिया डुबाने में नगर सरकार कोई कोर कसर नही छोड़ रही है। कृष्णा जायसवाल ने कहा की सी एम ओ और अध्यक्ष के मनमानी से गुप् चुप तरीके से हुआ तीन करोड़ का टेंडर में वार्ड क्रमांक 07 और वार्ड क्रमांक 05 में में एक भी विकाश कार्य स्वीकृत नही हुए। नगर पंचायत लैलूँगा में क्या सिर्फ तीन ही ठेकेदार हैं उन ठेकेदारों में स्वयं अध्यक्ष का भतीजा भी शामिल है। टेंडर की जानकारी किसी भी पार्षद को , न ही अन्य ठेकेदारों को दिया जाना और करोड़ो का गुपचुप टेंडर लगा कर अपने चहेतों को टेंडर देने में महारत हासिल रखने वाले सी एम ओ और शासन के पैसों का बंदर बाट करने वाले cmo और अध्यक्ष कोई कसर नही छोड़ रहे हैं पिछले दो साल से टेंडर हुए बहुत से काम के वर्क आदेश पुलिया सी सी रोड़ के भूमि पूजन के बाद भी आज पर्यंत कार्य चालू भी नही हो सके। परिषद के बैठक में ठेकेदार को नोटिश देने और पुनः टेंडर लगाने की बात कहीं गई पर हुआ कुछ नही क्योंकि ज्यदातर काम अध्यक्ष के भतीजे का है यहाँ तक कि बजरंग अग्रवाल के नाम से हुए पिछले कामो का जांच भी कराया गया जिसमें भारी अनिमियता पाई गई और काम का मूल्यांकन करा कर ठेकेदार को भुगतान करा कर यथा स्तिथि में ही बन्द करा कर फाइल बन्द कर दिया गया था परन्तु सी एम ओ ठेकेदार इंजीनियर द्वारा उन तमाम भरस्टाचार की फाइलों में पुनः एम बी चढ़ा कर बिना काम के ही लगभग 50 लाख पच्चास लाख का भुगतान कर एक बड़े भरस्टाचार की इबारत लिखने की तैयारी में लगे। ज्ञात हो कि नगर पंचायत के सभी वार्डो में 18 नग गर्वेल बोर खनन एवं पम्प स्थापना के लिए 40 लाख 90 हजार की की स्वीकृति हुई मतलब एक बोर दो लाख सत्ताईस हजार दो सौ बाइस रुपये में खनन होगी अगर बोर खनन में थोड़ी भी ईमानदारी बरत दे तो नगर में पानी के लिए आने वाले समय में कभी किल्लत नही होगी पर ए भर्स्ट नेता अधिकारी और ठेकेदार अपनी जेब भरने से बाज नही आएंगे चाहे सरकार जितना भी बजट लैलूँगा नगर पंचायत को दे दे तो पर भी इन अधिकारी और नेताओ के लिए कम ही पड़ जाएंगे ।करोड़ों के सीसी रोड 6 महीने में उखड़ गए कोई सुध लेने वाला नही इनको तो बस अपने कमीशन से मतलब है काम चाहे जैसा भी हो, अगर विवादित और भरस्टाचार के लिए चर्चित लैलूँगा cmo का यहां से तबादला अति सीघ्र नही हुआ तो आने वाले विधान सभा चुनाव में इसका खामियाजा कॉंग्रेस को भुगतना पड़ेगा कुछ माह पूर्व सभी पार्षदों द्वारा रायगढ़ में मुख्यमंत्री से इनके कार्य प्रणाली से अवगत कराया गया था तथा इन्हें हटाने के लिए पार्षदों द्वारा निवेदन भी किया गया था पर बाद में क्षेत्रीय बड़े नेताओ के द्वारा मामला को सांत करा दिया गया तब तो नगर में भरस्टाचार की हदें पार हो गई सायद नेताओं को इस बात का इल्म नही है की आने वाले चुनाव में कांग्रेश के लिए नगर पंचायत लैलूँगा cmo कितना नुकसान साबित होंगे