

“धान खरीदी में लूट-त्राहि! लैलूंगा में किसानों की चीख पुकार… हज़ारों कांग्रेसियों का SDM ऑफिस घेराव, गूँजा जबरदस्त हाहाकार!”

रिपोर्ट ~ हीरालाल राठिया लैलूंगा
लैलूंगा, रायगढ़ (छत्तीसगढ़)।
धान खरीदी के अव्यवस्थित सिस्टम, कम रकबा, टोकन की मारामारी और किसानों को रोज़-रोज़ हो रही परेशानियों ने आखिरकार बड़ा रूप ले लिया। आज लैलूंगा ब्लॉक कांग्रेस कमेटी के नेतृत्व में हज़ारों की संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता एवं किसान अनुविभागीय अधिकारी राजस्व कार्यालय पहुँचे। कार्यालय परिसर नारों, विरोध और आक्रोश से थर्रा उठा। किसानों की बढ़ती समस्याओं को लेकर SDM को विशाल जनसमूह ने घेरा और सरकार के प्रति कड़ी नाराज़गी जताते हुए जमकर नारेबाज़ी की।
इस विशाल विरोध का नेतृत्व लैलूंगा के पूर्व विधायक हिर्दय राम राठिया, पूर्व नगर अध्यक्ष ओम सागर पटेल, एवं ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष ठंडा राम ने किया। नेताओं ने साफ शब्दों में कहा कि जिले में धान खरीदी की व्यवस्था पूरी तरह चरमरा चुकी है और किसान रोज़ाना अपमान झेलने को मजबूर हैं। समय पर टोकन नहीं, खरीदी की मात्रा सीमित, रकबा कम कर देना और समिति की सुस्त प्रणाली—इन सबने किसानों की कमर तोड़ दी है।
कांग्रेसजनों द्वारा सौंपे गए ज्ञापन में प्रमुख समस्याओं को बेहद सख़्त शब्दों में रखा गया—
प्रति एकड़ 21 क्विंटल धान खरीदी अनिवार्य की जाए।
किसानों का कहना है कि उत्पादन 21-25 क्विंटल तक है, लेकिन खरीदी 15-18 क्विंटल कर दी जा रही है, जो सरासर अन्याय है। इसलिए प्रति एकड़ न्यूनतम 21 क्विंटल खरीदी तथा उसी आधार पर टोकन जारी हो।
पंजीकृत रकबा के अनुसार धान की पूर्ण खरीदी हो।
कई किसानों का रकबा मनमाने तरीके से कम कर दिया गया है। किसानों ने मांग की कि जितना रकबा पंजीकृत है, उसकी 100% खरीदी की गारंटी हो।
ऑफलाइन टोकन सभी किसानों को मिले।
छोटे-बड़े किसानों को एक समान अधिकार दिया जाए। ऑफलाइन टोकन काटने में भेदभाव बंद किया जाए।
समितियों की दैनिक खरीदी क्षमता बढ़ाई जाए।
किसानों के अनुसार समिति की धीमी खरीदी के कारण लाइनें बढ़ रही हैं और किसान रोज़ परेशान हो रहे हैं। औसत खरीदी बढ़ाने की सख़्त मांग की गई।
वन भूमि पट्टा वाले किसानों का भी पूरा धान खरीदा जाए।
पिछले वर्षों में जिन किसानों की वनाधिकार भूमि पंजीकृत थी, उनका रकबा अचानक कम या शून्य कर दिया गया है। कांग्रेस नेताओं ने इसे अन्याय बताते हुए तत्काल सुधार की मांग की।
हजारों किसानों और कांग्रेस कार्यकर्ताओं के हुजूम ने SDM कार्यालय का घेराव किया, जिससे प्रशासन में हलचल मच गई। घेराव के दौरान “किसान विरोधी नीतियाँ बंद करो”, “सरकार जागो, किसान मर रहा है”, “धान खरीदी में भ्रष्टाचार खत्म करो” जैसे जोरदार नारे लगातार गूंजते रहे।
विरोध प्रदर्शन के दौरान नेताओं ने कहा—
“किसानों का अनाज अगर समय पर नहीं खरीदा गया तो वे बर्बाद हो जाएंगे। सरकार की निष्क्रियता किसान विरोधी है और कांग्रेस इस अन्याय को कतई बर्दाश्त नहीं करेगी।”
करीब एक घंटे तक चले हंगामेदार माहौल के बाद कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल ने SDM को ज्ञापन सौंपा और सभी समस्याओं का यथाशीघ्र समाधान करने की कड़ी मांग रखी।
आज का यह प्रदर्शन लैलूंगा क्षेत्र में किसान अधिकारों के लिए एक बड़ी चेतावनी माना जा रहा है। कांग्रेस ने साफ किया कि यदि जल्द व्यवस्था नहीं सुधरी—
तो आंदोलन और भी बड़ा रूप ले सकता है।







