

मौत के साये से जिंदगी की वापसी: दंतैलों के बीच फंसी वृद्धा को हाथी दल ने बचाया, कंधे पर उठाकर पहुंचाया सुरक्षित ठिकाने”
रिपोर्ट ~ हीरालाल राठिया लैलूंगा
लैलूंगा।उपवन मंडल लैलूंगा के कापु वन परिक्षेत्र अंतर्गत अलोला परिसर में मंगलवार की सुबह एक रोमांचक और रोंगटे खड़े कर देने वाली घटना घटी। क्षेत्र में दो दंतैल हाथियों की आमद की सूचना के बीच जब वन विभाग की निगरानी टीम मौके पर पहुंची, तो उन्हें छेना पतरा जंगल (52RF) के किनारे स्थित एक झोपड़ी से मानवता को झकझोर देने वाला दृश्य देखने मिला।
इस झोपड़ी में एक वृद्ध महिला मिली, जो चलने-फिरने में पूरी तरह से असमर्थ थी। आशंका जताई जा रही थी कि वह कई दिनों से उसी जगह पर पड़ी थी और जंगल के पास होने के कारण खतरा लगातार मंडरा रहा था। झोपड़ी से महज़ 50 मीटर की दूरी पर दो विशालकाय दंतैल हाथी विचरण कर रहे थे। हालात ऐसे थे कि किसी भी क्षण कुछ भी अनहोनी हो सकती थी।
सूचना मिलते ही अलोला में तैनात हाथी निगरानी दल ने बिना देरी किए मौके पर पहुंचकर जान जोखिम में डालते हुए वृद्धा को वहां से निकालने का निर्णय लिया। दल के सदस्य जंगल की कठिन पगडंडियों से होते हुए उस झोपड़ी तक पहुंचे और महिला को कंधे पर उठाकर उसे सुरक्षित स्थान तक पहुंचाया। यह पूरी कार्रवाई सूझबूझ, साहस और सेवा-भावना का अद्भुत उदाहरण रही।
स्थानीय लोगों ने निगरानी दल के इस साहसिक कार्य की मुक्त कंठ से सराहना की है। ग्रामीणों का कहना है कि यदि दल ने समय पर कार्रवाई न की होती, तो दंतैल हाथियों की मौजूदगी जानलेवा बन सकती थी। वृद्धा को फिलहाल ग्रामीणों की मदद से अस्थायी आश्रय में रखा गया है और वन विभाग की निगरानी जारी है।
वन परिक्षेत्र अधिकारी ने बताया कि क्षेत्र में हाथियों की लगातार आवाजाही हो रही है और ग्रामीणों से अपील की गई है कि वे सतर्क रहें तथा किसी भी आपात स्थिति में विभाग को तत्काल सूचित करें। साथ ही, महिला की मदद के लिए स्थानीय प्रशासन से भी समन्वय कर आवश्यक सहायता की मांग की गई है।
यह घटना जहां एक ओर जंगल में बसे जीवन की नाजुकता को उजागर करती है, वहीं दूसरी ओर वन विभाग के जमीनी कार्यकर्ताओं की तत्परता, संवेदनशीलता और कर्तव्यनिष्ठा का प्रतीक भी बन गई है