

“जनपद अध्यक्ष ज्योति भगत बनी फरिश्ता! कोतबा रोड हादसे में लहूलुहान पिता–बेटे को अपनी स्कार्पियो में उठाकर दौड़ी अस्पताल… इलाके में तारीफ़ों की बाढ़”

रिपोर्ट ~ हीरालाल राठिया लैलूंगा
कोतबा रोड रुडुकेला में आज शाम एक दिल दहला देने वाला हादसा हुआ, जहां एक युवक और उसका छोटा बच्चा सड़क दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल हो गए। सड़क पर फैला खून, टूटे वाहन के टुकड़े और चीख-पुकार ने माहौल को पूरी तरह सहमा दिया। लोग घबराकर इधर-उधर भागते रहे, लेकिन घायल पिता–बेटे को तत्काल अस्पताल ले जाने की हिम्मत किसी ने नहीं जुटाई। तभी अचानक घटनास्थल पर जनपद अध्यक्ष ज्योति भगत पहुँचीं, और आगे जो हुआ उसने इलाके में मानवीयता का एक अद्भुत संदेश दे दिया।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, जैसे ही ज्योति भगत ने लहूलुहान हालत में तड़पते पिता और डर के मारे सुबकते बच्चे को देखा, उन्होंने एक पल की भी देरी नहीं की। भीड़ को चीरते हुए वे सीधे घायलों के पास पहुँचीं, अपने दुपट्टे से खून रोकने की कोशिश की और तुरंत अपनी स्कार्पियो लाने का आदेश दिया। लोग स्तब्ध थे—एक जनपद अध्यक्ष खुद अपने हाथों से घायलों को उठाकर गाड़ी में बैठा रही थीं। उनके चेहरे पर न तो भय था, न झिझक, सिर्फ मदद का जज़्बा।
स्कार्पियो स्टार्ट होते ही उन्होंने ड्राइवर से कहा—”गाड़ी उड़ाकर ले चलो… इनका एक-एक सेकंड कीमती है!”
रुडुकेला से लैलूंगा अस्पताल तक का रास्ता लोगों के लिए आम दूरी हो सकती है, लेकिन आज वह रास्ता मानो जिंदगी बचाने की दौड़ बन गया। ज्योति भगत रास्ते भर बच्चे को सांत्वना देती रहीं, पिता के घाव पर दबाव बनाकर खून रोकने का प्रयास करती रहीं। अस्पताल पहुँचते ही उन्होंने डॉक्टरों को तत्काल उपचार शुरू करने कहा और खुद तब तक वहीं डटी रहीं जब तक दोनों सुरक्षित हाथों में न चले गए।
घटना की खबर फैलते ही सोशल मीडिया और इलाके के व्हाट्सऐप ग्रुप्स में सिर्फ एक ही नाम गूँज उठा—ज्योति भगत। लोग कहने लगे कि आज उन्होंने एक जनप्रतिनिधि की नहीं, एक मानवता की सच्ची मिसाल पेश की है। कई बुजुर्गों ने कहा—“नेतृत्व ऐसा ही होना चाहिए, जो संकट में सबसे पहले आगे आए।”
स्थानीय ग्रामीणों ने हादसे वाली सड़क पर सुरक्षा व्यवस्था और चेतावनी संकेत लगाने की भी माँग उठाई है। उनका कहना है कि इस मार्ग पर तेज रफ्तार और सड़क की खराब स्थिति के कारण आए दिन दुर्घटनाएँ हो रही हैं। आज की घटना ने प्रशासन को चेतावनी देने का काम किया है कि अब समय आ गया है कि इस रोड पर गंभीर सुधार किए जाएं।
उधर अस्पताल सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार युवक और उसका बच्चा दोनों अब डॉक्टरों की निगरानी में हैं और स्थिति नियंत्रण में बताई जा रही है। लोगों का कहना है कि अगर उस समय ज्योति भगत मौके पर न होतीं, तो स्थिति और भी भयावह हो सकती थी।
इलाके में अब बस एक ही चर्चा—
“नेता तो बहुत देखे, पर ज्योति भगत जैसी मानवता हम पहली बार देख रहे हैं!”







