spot_img
Sunday, December 14, 2025
Sunday, December 14, 2025
WhatsApp Image 2025-09-27 at 19.02.00_2560a816
WhatsApp Image 2025-09-27 at 19.02.00_8a3c1831

पर्यावरण को लेकर गंभीर न्यूजीलैंड के लोग छत्तीसगढ़ की संस्कृति से अभिभूत

पर्यावरण को लेकर गंभीर न्यूजीलैंड के लोग छत्तीसगढ़ की संस्कृति से अभिभूत

राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव में दिखाई प्रतिभा

विनय सिंह बलौदाबाजार

बहुत कम जनसंख्या वाले न्यूजीलैंड देश के जनजाति समुदाय ने छत्तीसगढ़ सरकार के आमंत्रण पर राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव में दिनांक 1 नवंबर से दिनांक 3 नवंबर तक अपनी भागीदारी सुनिश्चित की और दर्शकों पर विशेष प्रभाव बनाया। उन्होंने पर्यावरण को खासतौर पर रेखांकित किया और इसके जरिए लोगों को संदेश दिया कि जीवन के लिए हम सभी को अपने पर्यावरण की रक्षा करनी ही होगी।न्यूजीलैंड देश से 10 सदस्यों का एक दल राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव और छत्तीसगढ़ राज्य उत्सव के अवसर पर अपनी सहभागिता करने के लिए यहां पहुंचा हुआ था रायपुर में आयोजित कार्यक्रम में इस समूह ने अपने देश के सांस्कृतिक प्रस्तुतीकरण के माध्यम से संदेश दिया। बेगानी जगह पर कितने लोग अपने हैं यह जानने के लिए जो फार्मूला न्यूजीलैंड के लोग अपनाया करते हैं, उसकी झलक सबसे पहले यहां दिखाई दी कार्यक्रम प्रस्तुतीकरण में एक पत्ते को नीचे गिराने के साथ जब सामने वाले लोग उसे उठाते हैं तो यह मान लिया जाता है कि वे उनके साथ दोस्ती करना चाहते हैं या उनके बेहद नजदीक है उनके लिए हमेशा मर मिटने तैयार रहते हैं इसे अपनी भाषा में गीत संगीत और कला का प्रदर्शन कर मंचीय कार्यक्रम में पेश किया यह अपनत्व की भावना प्रबल करने का सबसे सशक्त जरिया है। न्यूजीलैंड के कलाकारों ने अपने नृत्य के माध्यम से पर्यावरण और संस्कृति के साथ-साथ राष्ट्रीय भावना को मजबूती देने वाले पक्ष पर सबसे अधिक फोकस किया। दर्शक दीर्घा से हो रही तालियों की गड़गड़ाहट ने इस बात को रेखांकित किया कि यह प्रस्तुति लोगों को काफी पसंद आई। हज़ारों ,हजारों किलोमीटर दूर देश से यहां पहुंचे कलाकारों ने अपनी कला के समर्थन में लोगों से प्राप्त प्रोत्साहन के लिए उनका अभिवादन किया। न्यूजीलैंड के कलाकारों का दल छत्तीसगढ़ की प्रगति, उन्नति, लोकाचार और लोगों के सहज व्यवहार से काफी अभिभूत नजर आया।

दूध उत्पादन और पैकेजिंग प्रमुख व्यवसाय

विदेशी कलाकारों छत्तीसगढ़ की धरती पर छत्तीसगढ़ शासन की स्वागत सत्कार ,सुरक्षा डीयूटी के साथ साथ उनसे अंतर्देशीय संबंधों और सांस्कृतिक व्यवहार को लेकर चर्चा की। इस दौरान विभिन्न विषय शामिल किए गए। मूल रूप से राजस्थान के रहने वाले सत्येंद्र सिंह न्यूजीलैंड में बसे हुए हैं और वे अपनी पांचवी पीढ़ी का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं, जिन्होंने इस बातचीत के दौरान दुभाषिया की भूमिका निभाई। बेहद सहज अंदाज में हुई बातचीत में दिलचस्प जानकारी सामने आई। ज्ञात हुआ कि न्यूज़ीलैंड का पुराना नाम आओटियारोआ है उसके बाद जीलैण्ड फिर न्यूजीलैंड पड़ा इनके पूर्वज ब्रिटिश साम्राज्य के ग़ुलामी का दंश झेले है ,जनसंख्या के लिहाज से छोटा लेकिन उन्नत देश है। वहां के लोग नियम कानून को लेकर काफी गंभीरता दिखाते हैं क्राइम रेट बहुत कम है ,शिक्षा ,स्वास्थ की सरकारी सुविधा उच्चक्वालिटी के है ,3 वर्ष में होने वाले चुनाव के माध्यम से वहां के प्रजातांत्रिक मूल्यों को सुनिश्चित किया जाता है। मुख्य रूप से न्यूजीलैंड में भेड़ पालन के अलावा दुग्ध ,सब्ज़ी उत्पादन और पैकेजिंग प्रमुख व्यवसाय में शामिल है ,पर्यावरण के प्रति सजग हैं इसीलिए वँहा बहुत ही शुद्ध हवा ,पानी मिलता है 15 वर्ष के पेड़ों को काटने पर प्रतिबन्ध है उस पेड़ के बदले कई पेड़ लगाया ही नही जाते बल्कि देखरेख कर बड़े किए जाते है पेड़ काटने के प्रशासनिक प्रक्रिया जटिल है ,वँहा का मौसम न तेज गर्मी है न तेज ठण्ड वँहा कई लोगों ने अपने सांस्कृतिक मूल्यों को लगभग भारत के जैसा बनाया हुआ है। जन्म से लेकर विवाह और मृत्यु के मौके पर वही परंपराएं अपनाने की परंपरा है जैसा कि भारत में दर्शित होता है तथा मानवता के पक्षधर हैं न्यूजीलैंड में भारत की तरह जनजातीय वर्ग के लिए ट्राईबल उपयोग नहीं होता बल्कि इन्हें इंडीजीनस (सबसे पुराने )कहा जाता है। माओरी समुदाय के नाम से इनकी पहचान होती है। इन सब के पीछे सबसे बड़ा तर्क यह दिया जाता है कि ट्राइबल बोलने से लोगों में हीन भावना आती है। इसलिए उन्हें सम्यक रूप से मुख्य धारा में शामिल किया गया है।
छत्तीसगढ़ के प्रवास पर पहुंचे कलाकारों की सुरक्षा के लिए टीम के साथ 29 अक्टुबर से 4 नवंबर तक होटल पिकाडेली से साईंस कालेज मैदान ,मेगनेटो मॉल,श्री राम मन्दिर ,मुक्ताँगन नया रायपुर जाना हुआ सामान्य आवश्यकता की पूर्ति के लिए यह लोग अधिकतर इशारों का उपयोग कर रहे थे और अंग्रेज़ी भाषा ,कलाकारों के दल ने छत्तीसगढ़ की पुलिस ,लोक संस्कृति और यहां के लोगों के सहज व्यवहार कि खुले दिल से सराहना की।पुलिस की सेवा के तमाम अनुभवों में कम समय में जीवन की सर्वश्रेष्ठ अनुभव और हमेशा के लिए यादगार रहेगा न्यूज़ीलैंड की टीम ने यादगार के लिए वहा की सांस्कृतिक इतिहास की पुस्तक भेंट की और गहरे मन प्यार भरे अन्दाज़ में गले लगाकर विदाई ली और छत्तीसगढ़ सरकार के राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव के आयोजन की तारीफ़ की ,जाते जाते न्यूजीलैण्ड आने का नेवता दिया तो हमने भी पुनः छत्तीसगढ़ आने का नेवता दिया ! उपरोक्त बातें यदुमणि सिदार निरीक्षक ,थाना प्रभारी सिटी कोतवाली बलौदाबाज़ार
(छत्तीसगढ़) ने दी।

01
09
WhatsApp Image 2025-09-29 at 18.52.16_7b78a71e
spot_img
spot_img

अपना न्यूज़ पोर्टल - 9340765733

spot_img
spot_img
spot_img

Recent Posts

लैलूंगा में चोरी का दुस्साहस! माँ समलेश्वरी स्टोन क्रेसर  मांझीआमा में रात 1 बजे डीजल लूट, CCTV में कैद हुआ बेखौफ चोर

लैलूंगा में चोरी का दुस्साहस! माँ समलेश्वरी स्टोन क्रेसर  मांझीआमा में रात 1 बजे डीजल लूट, CCTV में कैद हुआ बेखौफ चोर लैलूंगा क्षेत्र...
Latest
लैलूंगा में चोरी का दुस्साहस! माँ समलेश्वरी स्टोन क्रेसर  मांझीआमा में रात ... बड़ी खबर! श्री श्याम ऑटोमोबाइल्स ने शुरू किया नया कमाई अवसर
WINTER SPECIAL OFFER – 15 दिसम्बर को होगा समाप्त!
श्री श्याम ऑटोमोबाइल्स की ओ...
श्री श्याम ऑटोमोबाइल्स लैलूँगा का धमाके पे धमाका अब एजेंट भाइयों के लिए खुसखबरी<... ● लैलूँगा क्षेत्र में पुलिस की जन चौपाल का प्रभाव, थाना प्रभारी दे रहे ग्रामीणों... ● एनएसएस शिविर में पुलिस का जागरूकता सत्र, एसडीओपी प्रभात पटेल ने बाल अधिकार, पॉ... ● ओडिशा से लापता नाबालिग बरामद, नाबालिग को भगा ले जाने वाले आरोपी को चक्रधरनगर प... ● जूटमिल पुलिस की बड़ी कार्रवाई : छातामुड़ा चौक पर 25 टन अवैध कबाड़ से भरी ट्रक ... लैलूँगा में रॉयल एनफील्ड सर्विस सेंटर की मनमानी! ग्राहकों से गाली-गलौज, खराब सर्... वीडियो देखें 🎥धान खरीदी में लूट-त्राहि! लैलूंगा में किसानों की चीख पुकार… हज़ारो...