
प्रसूति कक्ष की छत का प्लास्टर गिरा, बाल बाल बची प्रसूता
चंद्र शेखर जायसवाल सहयोगी ममता साहू
लैलूंगा/रायगढ़ जिले लैलूंगा के लमडांड प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में स्वास्थ्य केंद्र की प्रसूति आपरेशन कक्ष का छत का प्लास्टर मलबा भरभरा कर गिरने से हड़कंप मच गया। प्रसूति कक्ष में मौजूद नर्स सहम गए। गनीमत यह रहा कि जिस वक्त यह हादसा हुआ उस दौरान आपरेशन कक्ष में दो नर्स मौजूद थे, जिन्होंने भागकर जान बचाएं,इस तरह से बड़ा हादसा होने से बच गया ।

जिला स्वास्थ्य विभाग के अधीन संचालित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र लैलूंगा में करीब दोपहर 12 बजे के आसपास प्रतिदिन की भांति सामान्य गतिविधियां चल रही थी। मरीज आकर अपने-अपने मर्ज का उपचार करवा रहे थे। इसी दरम्यान एकाएक प्रसूति प्रसव कक्ष के क्षत से प्लास्टर का मलबा भारी मात्रा में गिरने लगा जब तक अंदर मौजूद नर्स कुछ समझ पाती तब तक वे तत्काल कक्ष से बाहर निकलकर खुद की जान बचाए। देखते ही देखते पूरा कक्ष मलबा से भर गया, अंदर मौजूद उपकरणों में क्रांक्रीट का ढेर गिरने से हड़कंप मच गया। एक बारगी अफरा तफरी के साथ चीख पुकार वाली माहौल उत्पन्न हो गया। इस हादसे से उतपन्न आवाज को सुनकर नर्स व मरीज व महिला वर्ग सबसे अधिक भयभीत नजर आए। अस्पताल के सबसे संवेदनशील गायनिक आपरेशन कक्ष का स्लैब प्लास्टर गिरने से व्यवस्था की पोल को खोलकर रख दिया। प्रसूति आपरेशन कक्ष में दो ही नर्स की मौजूदगी थी। बताया गया कि जिस समय यह हादसा हुआ ठीक उससे करीब 2 से 3 मिनट पहले प्रसूता व उसके साथ आए महिलाएं प्रसव समय नही होने पर कक्ष से बाहर निकले थे।

बहरहाल अच्छी बात यह रही कि जिस समय प्लास्टर गिरा उस दौरान भीड़ भाड़ कम थी। नही आज की स्थिति में लैलूंगा जैसे आदिवासी अंचल की कहानी कुछ और ही रहती। यहां यह बताना लाजमी होगा कि भवन पुरानी होने की वजह से अस्पताल के छत गिरने का यह कोई पहला मामला नहीं है पूर्व में भी इसी वार्ड में छत गिर चुका है। जिसमें सामान्य वार्ड व गलियारा शामिल है।