सुगापारा: एफ-एल-एन मेला में बच्चों की धमाकेदार प्रतिभा का विस्फोट, गांव में सीखने का अनोखा महाउत्सव
चन्द्रशेखर जायसवाल
सुगापारा आज दिनांक 14/11/2025 को शासकीय प्राथमिक शाला सुगापारा कर्राबेंवरा में एफ-एल-एन (Foundational Literacy & Numeracy) मेला बेहद भव्य और उत्साहपूर्ण माहौल में आयोजित किया गया। “करके देखबो, सीख के रहिबो” थीम पर आधारित यह शिक्षण मेला बच्चों की सीखने की क्षमता, उनकी रचनात्मकता और कौशल को निखारने का अनोखा मंच साबित हुआ।
इस मेले का उद्देश्य था—3 से 8 वर्ष के बच्चों को स्वयं करके सीखने के लिए प्रेरित करना, ताकि वे पढ़ना, लिखना, जोड़-घटाव, अंग्रेजी वर्णमाला जैसी मूलभूत अवधारणाओं को खेल-खेल में समझ सकें। बच्चों ने स्वयं पंजीयन किया और अलग-अलग गतिविधियों के जरिए अपनी समझ और कौशल का बेहतरीन प्रदर्शन किया।
पूजन के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ
कार्यक्रम की शुरुआत परंपरागत विधि से हुई।
गांव के सम्मानित वयोवृद्ध नागरिक मंगल साय और रोहित नाग द्वारा मां सरस्वती, छत्तीसगढ़ महतारी, भारत माता एवं पंडित जवाहरलाल नेहरू जी की प्रतिमा का पूजन-अर्चन कर मेले का शुभारंभ किया गया। पूजन के दौरान उपस्थित बच्चों, अभिभावकों और नागरिकों ने शिक्षा की इस उज्ज्वल परंपरा को आगे बढ़ाने का संकल्प लिया।
बच्चों की प्रतिभा का जबरदस्त प्रदर्शन
एफएलएन मेले में बच्चों ने अपनी उम्र से कहीं अधिक प्रतिभा और आत्मविश्वास दिखाया।
किसी बच्चे ने जोड़-घटाव की गतिविधियों से सबको चौंकाया, तो किसी ने अक्षर-ज्ञान और अंग्रेजी वर्ण पढ़कर तालियां बटोरीं।
मिट्टी से अक्षर बनाना
गणितीय आकृतियां तैयार करना
चित्र पहचानना
कहानी पढ़ना
वर्णमाला खेल
जैसी कई रचनात्मक गतिविधियों ने पूरे मेले का माहौल जीवंत कर दिया।
अभिभावक अपने बच्चों की प्रगति देखकर गर्व से झूम उठे। नागरिकों ने भी शाला प्रबंधन के इस नवाचार को सराहा।
भारी संख्या में पहुंचे अभिभावक और ग्रामीण
आज का कार्यक्रम अभूतपूर्व रहा।
गांव के लगभग सभी अभिभावक और आम नागरिक बड़ी संख्या में मौजूद रहे।
बच्चों के प्रति ग्रामीणों का यह उत्साह बताता है कि शिक्षा को लेकर समाज में सकारात्मक बदलाव तेजी से बढ़ रहा है।
समापन पर न्योता भोज—समिति अध्यक्ष की अनोखी पहल
कार्यक्रम के समापन के बाद समिति अध्यक्ष ललित कुमार नाग द्वारा न्योता भोज का आयोजन किया गया, जिसमें सभी बच्चों, अभिभावकों और नागरिकों को सादर भोजन करवाया गया।
इस पहल ने कार्यक्रम को और भी यादगार व सामाजिक एकता से परिपूर्ण बना दिया।








