spot_img
Sunday, December 14, 2025
Sunday, December 14, 2025
WhatsApp Image 2025-09-27 at 19.02.00_2560a816
WhatsApp Image 2025-09-27 at 19.02.00_8a3c1831

बिलकिस बानो फैसला : ज्यादा-सी राहत, थोड़ी-सी आश्वस्ति
(आलेख : बादल सरोज)

(अच्छा लगे, तो मीडिया के साथी बादल सरोज का यह आलेख ले सकते हैं। सूचित करेंगे, तो खुशी होगी।)

बिलकिस बानो फैसला : ज्यादा-सी राहत, थोड़ी-सी आश्वस्ति
(आलेख : बादल सरोज)

बुरी से बुरी होती खबरों, सहमाते, चौंकाते न्यायालयीन फैसलों और न्यायालय के शीर्ष सहित शीर्षस्थ संवैधानिक पदों पर बैठे व्यक्तियों के स्तब्धकारी निजी और आधिकारिक आचरण की घटनाओं, हादसों के लगभग अंधड़ के बीच सोमवार 8 जनवरी को आया सुप्रीम कोर्ट का फैसला काफी हद तक राहत और कुछ हद तक आश्वस्ति देने वाला है। जस्टिस बी बी नागरत्ना और जस्टिस उज्जवल भुइयां की खंडपीठ ने ठीक आजादी की 75वीं वर्षगाँठ के दिन मोदी की केंद्र और गुजरात सरकारों के द्वारा सिर्फ कानून व्यवस्था के साथ ही नहीं, मानवता के साथ किये गए जघन्यतम दुराचार को अनकिया कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट की इस खंडपीठ ने 2002 में मोदी के मुख्यमंत्रित्व काल में हुए गुजरात में नरसंहार के दौरान हुए बिलकिस बानो के साथ हुए – बर्बरता को भी शर्मसार कर देने वाले – काण्ड के दोषियों की रिहाई के फैसले को रद्द करके सभी अभियुक्तों को दोबारा जेल भेजे जाने के आदेश जारी किये हैं।

वर्ष 2002 के नरसंहार के दौरान गुजरात के दाहोद जिले की रंधिकपुर गांव की रहने वाली बिलकिस को डर था कि दंगाई कहीं उनके घर पर भी हमला न बोल दें। बिलकिस परिवार के 15 अन्य सदस्यों के साथ सुरक्षित पनाह ढूँढने के लिए निकलीं थी, उनके साथ साढ़े तीन साल की बेटी सालेहा थी। मार्च 2002 की तीन तारीख को बिलकिस परिवार के साथ छप्परवाड गांव पहुंची। दंगाई यहां भी उत्पात मचा रहे थे। परिवार के साथ खेतों में छिपी बिलकिस पर एक साथ 20-30 लोगों ने हमला किया । इसके बाद बिलकिस के साथ 12 दंगाइयों ने सामूहिक बलात्कार किया, उनके अलावा उनकी माँ सहित परिवार की अन्य चार महिलाओं से मारपीट करने के साथ बलात्कार किया गया। दंगाई इसके बाद भी नहीं रुके, उनने बिलकिस के परिवार के 7 लोगों की हत्या कर दी। उनकी नन्हीं बेटी की जमीन पर पटककर हत्या कर दी। दहशत और दरिंदगी का सामना करने वाली बिलकिस तीन घंटे बेहोश रहीं, एक होमगार्ड के साथ लिमखेड़ा थाने में रिपोर्ट की। इसके बाद वर्षों के इन्तजार, सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद सुनवाई महाराष्ट्र में कराये जाने के पश्चात 11 अपराधियों को आजन्म कैद की सजा सुनाई गयी जेल में रहते हुए इनके कथित अच्छे आचरण के नाम पर गुजरात सरकार ने इन्हें 16 अगस्त 2022 को रिहा कर दिया। खुद गुजरात सरकार से सुप्रीम कोर्ट में शपथपत्र देकर बताया कि इन कैदियों की रिहाई का फ़ैसला मोदी-शाह वाली केंद्र सरकार की सहमति के बाद लिया गया था।

तथ्य यह है कि इस रिहाई से पहले भी इन जघन्य अपराधियों पर मोदी-शाह के गुजरात वाली उनकी सरकार मेहरबान थी ; उम्र कैद की सजा काट रहे 11 में से 10 दोषी पैरोल छुट्टी और अस्थायी जमानत पर एक हज़ार दिनों से ज़्यादा बाहर रहे थे। 11वां दोषी 998 दिनों तक जेल से बाहर रहा था। एक अभियुक्त रमेश चांदना 1576 दिनों के लिए पैरोल और छुट्टी पर जेल से बाहर रहा। 58 साल के रमेश चांदना ने करीब चार साल बाहर बिताए हैं। वहीं, जनवरी और जून 2015 के बीच 14 दिनों की छुट्टी 136 दिनों में बदल गई थी। उसे जेल वापस लौटने में 122 दिनों की देरी हो गई थी। 58 साल का राजूभाई सोनी 1348 दिनों तक छुट्टियों पर था। सितंबर 2013 से जुलाई 2014 के बीच 197 दिनों की देरी के बाद आत्मसमर्पण किया था। नासिक जेल से उसकी 90 दिनों की पैरोल 287 दिनों की हो गई थी। इन दोषियों में सबसे उम्रदराज 65 साल का जसवंत 1169 दिनों के लिए बाहर था। साल 2015 में उसने नासिक जेल में 75 दिन देरी से आत्मसमर्पण किया था। छोटी अवधि की सज़ा के लिए आमतौर पर अधिकतम एक महीने की पैरोल दी जाती है। वहीं, लंबी अवधि की सजा में एक तय समय जेल में बिताने के बाद अधिकतम 14 दिनों की छुट्टी मिलती है। ऐसे में इन दोषियों ने जो समय जेल से बाहर बिताया है, वो करीब तीन साल से ज़्यादा का है। इनके अच्छे आचरण का हाल यह था कि इनमे से एक पर इस पैरोल के दौरान भी बलात्कार का एक मामला दर्ज हुआ था।

बहरहाल, अगस्त ’22 में इनकी रिहाई तो जैसे सारी शर्मो-हया को खूँटी पर टांगकर पूरी बेशर्मी के साथ भाजपा की केंद्र तथा राज्य सरकारों का बलात्कारियों के साथ खड़ा होना था। इसकी प्रतिक्रिया होनी ही थी – मैदानी कार्यवाहियों के साथ-साथ हत्याओं और बलात्कार के मामलो में जुर्म-सिद्ध अपराधियों की रिहाई के खिलाफ सेवानिवृत प्रोफेसर रूपरेखा वर्मा, पूर्व सांसद सुभाषिनी अली, तृणमूल कांग्रेस की सांसद मोहुआ मोइत्रा और स्वतंत्र पत्रकार रेवती लाल द्वारा सुप्रीम कोर्ट में याचिका की गयी। खुद बिलकिस बानो ने भी इसके खिलाफ अपील की – सोमवार को आया फैसला इन्ही पर 11 दिन की सुनवाई के बाद अक्टूबर में निर्णय के लिए सुरक्षित रख लिया गया आदेश है।

यह फैसला सिर्फ 11 दोष सिद्ध अपराधियों की सजा की बहाली तक सीमित नहीं है। यह उससे आगे जाता है और गुजरात सरकार पर सीधे-सीधे उसका नाम लेकर, मोदी सरकार पर बिना उसका नाम लिए बलात्कारियों के बचाव करने, उन्हें बचाने के लिए साजिश का हिस्सा होने का आरोप सिद्ध करता है । इस आदेश में सुप्रीम कोर्ट ने साफ़-साफ़ कहा है कि “इनकी रिहाई करवाने के लिए गुजरात सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के साथ भी धोखाधड़ी की।“ यह भारत के सर्वोच्च न्यायालय का बहुत साफ़ और सख्त निष्कर्ष है। इसके पहले शायद ही किसी राज्य सरकार को इस तरह से, इतनी तल्ख भाषा में दोष सिद्ध माना गया हो। इस आदेश की अब सिर्फ एक ही तार्किक परिणिति संभव है और वह यह कि देश की सर्वोच्च अदालत के साथ धोखाधड़ी करने वाली सरकार का मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल इस्तीफा दे। न सिर्फ इस्तीफा दे, बल्कि उस पर बाकायदा आपराधिक मुकदमा चलाकर दण्डित किया जाए। उसके इस फ्रॉड में उसका साथ देने वाला भारत सरकार का गृह मंत्रालय है, यह बात गुजरात सरकार अपने शपथ पत्र में खुद ही कबूल कर चुकी है – लिहाजा गृह मंत्री अमित शाह के साथ भी वही सलूक होना चाहिए, जो भूपेन्द्र पटेल के साथ होना चाहिए।

मगर क्या मौजूदा हुक्मरान ऐसा करेंगे? सुप्रीम कोर्ट का यह निर्णय बिना राजनीतिक टिप्पणियाँ किये ही इस बात को रेखांकित करता है कि इतने जघन्य काण्ड के आरोपियों के प्रति सरकार की हमदर्दी थी और इसीलिये वह उन्हें बचाने, उन्हें राहत देने के लिए धोखाधड़ी तक करने को तत्पर थी। यह अनायास नहीं है – यह सिर्फ किसी अमित शाह की अगुआई वाले गृह मंत्रालय की सहमति के साथ किसी भूपेन्द्र पटेल के मुख्यमंत्रित्व वाली सरकार का कारनामा नहीं है ; यह इन दोनों की विचारधारा का अमल में उतारा जाना है। इनके आराध्य सावरकर ने बलात्कार को राजनीतिक हथियार के रूप मे इस्तेमाल करने का आव्हान खुलेआम लिख और कहकर किया है। बलात्कार को राजनीतिक हथियार मानने वाली इस घिनौनी सोच के साथ भाजपा और संघ की यह राजनीतिक बिरादरी – समसामयिक दुनिया की वह विरली राजनीतिक प्रजाति है, जिसने बलात्कार को राष्ट्रवाद से जोड़ने की हरकत भी पूरी दीदादिलेरी से की है। कठुआ मे बलात्कारी हत्यारे को बचाने के लिए तिरंगा झण्डा तक लेकर आंदोलन करने और उसमे मंत्रियों और आरएसएस के बड़े नेताओं की खुली भागीदारी की हरकत कोई ज्यादा पुरानी बात नहीं है। यह बेशर्मी बलात्कार के और भी कई मामलों में आजमाई गई। इसके साथ-साथ यह उस मनुवाद को व्यवहार में उतारकर दिखाने का काम भी है, जिसका नियम/विधान इस कुनबे का संविधान है। इन बलात्कारियों की रिहाई की सिफारिश करने वाली समिति के सदस्य, भाजपा विधायक अपराधियों को “ब्राह्मण और संस्कारी” बताने वाले अपने बयान में साफ़-साफ़ कह भी चुके हैं।

ठीक यही वजह है कि सुप्रीम कोर्ट के इस अन्यथा अच्छे फैसले के बाद भी आश्वस्त होकर नहीं बैठा जा सकता। इसलिए कि अनेक टिप्पणियाँ करने के बावजूद अदालत ने फैसले को उलटने का आधार महाराष्ट्र में सुनायी गयी सजा को गुजरात सरकार द्वारा खत्म किया जाना माना है। मतलब यह कि इन अपराधियों के पास महाराष्ट्र सरकार के पास जाने का विकल्प बचा हुआ है – महाराष्ट्र में सरकार किसकी है, यह बताने की आवश्यकता नहीं। वैसे शायद इसकी आवश्यकता ही न पड़े – क्योंकि इन पंक्तियों के लिखे जाने तक खबर आयी है कि इन 11 में से 9 अभी से लापता हो चुके हैं ; अब गुजरात पुलिस उन्हें कितनी शिद्दत से ढूंढेगी — यह भी भला कोई सोचने की बात है!!

(लेखक ‘लोकजतन’ के संपादक और अखिल भारतीय किसान सभा के संयुक्त सचिव हैं। संपर्क : 94250-06716)

01
09
WhatsApp Image 2025-09-29 at 18.52.16_7b78a71e
spot_img
spot_img

अपना न्यूज़ पोर्टल - 9340765733

spot_img
spot_img
spot_img

Recent Posts

लैलूंगा में चोरी का दुस्साहस! माँ समलेश्वरी स्टोन क्रेसर  मांझीआमा में रात 1 बजे डीजल लूट, CCTV में कैद हुआ बेखौफ चोर

लैलूंगा में चोरी का दुस्साहस! माँ समलेश्वरी स्टोन क्रेसर  मांझीआमा में रात 1 बजे डीजल लूट, CCTV में कैद हुआ बेखौफ चोर लैलूंगा क्षेत्र...
Latest
लैलूंगा में चोरी का दुस्साहस! माँ समलेश्वरी स्टोन क्रेसर  मांझीआमा में रात ... बड़ी खबर! श्री श्याम ऑटोमोबाइल्स ने शुरू किया नया कमाई अवसर
WINTER SPECIAL OFFER – 15 दिसम्बर को होगा समाप्त!
श्री श्याम ऑटोमोबाइल्स की ओ...
श्री श्याम ऑटोमोबाइल्स लैलूँगा का धमाके पे धमाका अब एजेंट भाइयों के लिए खुसखबरी<... ● लैलूँगा क्षेत्र में पुलिस की जन चौपाल का प्रभाव, थाना प्रभारी दे रहे ग्रामीणों... ● एनएसएस शिविर में पुलिस का जागरूकता सत्र, एसडीओपी प्रभात पटेल ने बाल अधिकार, पॉ... ● ओडिशा से लापता नाबालिग बरामद, नाबालिग को भगा ले जाने वाले आरोपी को चक्रधरनगर प... ● जूटमिल पुलिस की बड़ी कार्रवाई : छातामुड़ा चौक पर 25 टन अवैध कबाड़ से भरी ट्रक ... लैलूँगा में रॉयल एनफील्ड सर्विस सेंटर की मनमानी! ग्राहकों से गाली-गलौज, खराब सर्... वीडियो देखें 🎥धान खरीदी में लूट-त्राहि! लैलूंगा में किसानों की चीख पुकार… हज़ारो...